नशा पीड़ितों के लिए नाहन मेडिकल कॉलेज ने मुफ्त दवा और काउंसलिंग सुविधा शुरू की। हर शनिवार एनजीओ के सहयोग से पीड़ितों व परिवारों को विशेष मार्गदर्शन और उपचार उपलब्ध कराया जाता है। नशे से बचाने को लेकर नाहन मेडिकल कॉलेज ने छेड़ी मुहिम, इलाज के साथ दवाएं भी मुफ्त , हर शनिवार को एनजीओ के सहयोग से होती है काउंसलिंग, पीड़ित की गोपनीयता भी रहती है सुनिश्चित
नाहन
नाहन मेडिकल कॉलेज में साइकेट्रिक ओपीडी का विशेष विस्तार
एक तरफ जहां जिला सिरमौर पुलिस नशा बेचने वालों पर लगातार कड़ा प्रहार कर रही है तो वहीं दूसरी और नशे की गिरफ्त में फंसे पीड़ितों के लिए नाहन मेडिकल कॉलेज बड़ी राहत बनकर उभरा है। नशे से बचाव को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई मुहिम के तहत मेडिकल कॉलेज में साइकेट्रिक ओपीडी को विशेष रूप से तैयार किया गया है। इस ओपीडी में विशेषज्ञ चिकित्सक ना केवल मनोवैज्ञानिक रूप से नशे से पीड़ित व्यक्ति का इलाज करते हैं बल्कि उपचार में इस्तेमाल होने वाली तमाम दवाओं को भी मुफ्त उपलब्ध करवा रहे हैं। असल में इसके पीछे मेडिकल कॉलेज का मुख्य उद्देश्य यह भी है कि पीड़ित व्यक्ति उपचार के लिए गलत हाथों में ना पड़ जाए, जिसकी वजह से ना केवल वास्तविक उपचार बल्कि दूसरे राज्य में जाकर ना चाहते हुए भी कानून के शिकंजे में फंस जाए।
प्रिंसिपल का संदेश: नशाग्रस्त युवा अपराधी नहीं, पीड़ित
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल संगीत ढिल्लो का कहना है कि नशे की दलदल में फंसा युवा अपराधी नहीं पीड़ित है। उनका मानना है कि ऐसे पीड़ित व्यक्ति को ना केवल दवाएं बल्कि आम समाज की सहायता की भी बड़ी जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि इस कार्य में सबसे बड़ा सहयोग उन एनजीओस का होता है जो नशे के खिलाफ अपनी मुहिम में समाज के साथ-साथ युवाओं को भी जागरूक करने का कार्य कर रही हैं। प्राचार्य का मानना है कि ऐसे नशे से पीड़ित युवाओं के लिए पुलिस को भी अपनी कार्यप्रणाली में सहानुभूति और संरक्षण को शामिल करना होगा ताकि नशे की दलदल में फंसे युवक को नशा छोड़ने में यह महसूस जरूर हो कि उसके साथ सामान्य समाज और कानून भी साथ खड़ा है।
शनिवार का विशेष दिन: 40 से अधिक पीड़ितों को काउंसलिंग व मुफ्त दवा
बता दें कि नाहन मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन नशे से उपचार पाने वाले पीड़ितों की संख्या 10 से अधिक है तो वहीं शनिवार को रखे गए विशेष दिन को पीड़ितों की संख्या 40 के लगभग रहती है। शनिवार को परिजनों के साथ-साथ पीड़ित व्यक्ति को भी एनजीओ के सहयोग से काउंसलिंग दी जाती है और दवाई भी वितरित की जाती है। अच्छी बात तो यह है कि मेडिकल कॉलेज ने जिस तरीके से गोपनीयता को बरकरार रखते हुए इलाज की शुरुआत की है उससे नशे से छुटकारा पाने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल संगीत ढिल्लों का कहना है कि इलाज पाने वाले पीड़ित व्यक्ति को कहीं भी बाहर जाने की जरूरत नहीं है बल्कि मेडिकल कॉलेज में ही नशा से छुटकारा पाने की तमाम दवाएं उपलब्ध हैं। बड़ी बात तो यह भी है कि जिला सिरमौर के ना केवल सरकारी बल्कि निजी स्कूल भी नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान में सक्रिय रूप से जुड़ चुके हैं। शनिवार को भी शहर के प्रतिष्ठित एवीएन स्कूल के छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में जागरूकता शिविर का आयोजन किया।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय: इलाज, सहानुभूति और सहयोग—सबसे प्रभावी मॉडल
बरहाल सरकार के साथ एनजीओ और स्कूल के बच्चे जागरूकता अभियान में जुड़े हैं निश्चित ही वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश से इस दानव का पूरी तरह खत्म हो जाएगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि इलाज, सहानुभूति और सामाजिक सहयोग का यह त्रिकोणीय मॉडल नशे के विरुद्ध सबसे प्रभावी हथियार है। नाहन मेडिकल कॉलेज की यह पहल एक रोडमैप तैयार करती है कि कैसे चिकित्सीय समाधान को सामुदायिक समर्थन और कानूनी संरक्षण के साथ जोड़कर युवा पीढ़ी को इस दलदल से बाहर निकाला जा सकता है, जिससे न केवल उनका जीवन बल्कि पूरे प्रदेश का भविष्य सुरक्षित हो सके।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group





