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दलितों के अधिकारों और उत्पीड़न के खिलाफ सिरमौर में बड़ा प्रदर्शन, सरकार को चेतावनी

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ज़िला सिरमौर में दलित संगठनों के संयुक्त मंच का अधिवेशन हिन्दू आश्रम नाहन में आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। दलित उत्पीड़न और भेदभाव की हालिया घटनाओं ने पूरे प्रदेश में रोष पैदा किया है और संगठनों ने इसे लेकर सरकार को चेतावनी दी।


नाहन:

अधिवेशन में 8 से अधिक संगठनों की सहभागिता
दलित संगठनों के संयुक्त मंच का अधिवेशन आज हिन्दू आश्रम नाहन में आयोजित हुआ। शोषण मुक्ति मंच के प्रदेश संयोजक आशीष कुमार ने अधिवेशन का उद्घाटन किया, जबकि संचालन सतपाल मान ने किया। अधिवेशन में 8 से अधिक संगठनों के 120 से ज़्यादा लोग शामिल हुए।

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हालिया घटनाओं पर राज्य में बढ़ा आक्रोश
आशीष कुमारने कहा कि रोहड़ू में दलित बच्चे सिकंदर की संदिग्ध मृत्यु और कुल्लू-सैंज में दलित महिला पर हुए हमले जैसी हालिया घटनाओं ने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा किया है। उन्होंने दलित उत्पीड़न, भेदभाव और भूमि-अधिकारों से वंचित करने के ख़िलाफ़ व्यापक राज्यव्यापी आंदोलनों की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

31 सदस्यीय समिति का गठन
हिन्दू आश्रम में 31 सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसमें राजेश तोमर को संयोजक तथा विजय चौरिया, प्रसन तोमर और प्रवीण सोढ़ा को सह-संयोजक चुना गया।

ज़िलाधीश कार्यालय तक बड़ा प्रदर्शन
समिति के चयन के तुरंत बाद, सभी सदस्य प्रदर्शन करते हुए ज़िलाधीश कार्यालय पहुँचे। मंच ने सरकार से तत्काल कई माँगें पूरी करने की अपील की। मुख्य मांगों में SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम के लंबित मामलों की निष्पक्ष जाँच, दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी और तेलंगाना की तर्ज़ पर SC/ST विकास निधि कानून हिमाचल में लागू करना शामिल है।

आरक्षण, छात्रवृत्ति और नियमितीकरण की माँगें
संगठनों ने 85वें संविधान संशोधन को पूर्ण रूप से लागू करने, सभी नई भर्तियों में आरक्षण रोस्टर सुनिश्चित करने और SC/ST विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति देने की भी मांग उठाई। साथ ही, सफाई कर्मियों के नियमितीकरण, ठेका प्रथा समाप्त करने और हिमाचल सफाई आयोग गठित करने की माँग भी ज़ोर-शोर से रखी गई।

सरकार को चेतावनी — कार्रवाई न हुई तो आंदोलन तेज़ होगा
शोषण मुक्ति मंच के राज्य संयोजक आशीष कुमार और ज़िला संयोजक राजेश तोमर ने कहा कि यह संघर्ष केवल दलित समुदाय का नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का संघर्ष है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने माँग-पत्र पर जल्द कार्रवाई नहीं की, तो संयुक्त आंदोलन को और व्यापक व तीव्र रूप दिया जाएगा।

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