क्योंथल क्षेत्र में देवठन नहीं मनाई जाएगी

HNN/ शिमला

देवता जुन्गा के प्राचीन मंदिर पुजारली के प्रमुख पुजारी रामकृष्ण मेहता ने स्पष्ट किया है कि क्योंथल क्षेत्र में शोक के चलते इस वर्ष देवठन अर्थात प्रबोधनी एकादशी पर कोई देवता संबधी कार्य नहीं होगें। उन्होने स्पष्ट किया कि लोगों द्वारा इस बारे फैलाई जा रही भ्रांतियों पर विराम लगाते हुए कि देवठन के अवसर पर देवता जुन्गा के मंदिर के भीतर केवल पुजारी द्वारा ही सूक्ष्म पूजा की जाएगी। इसी प्रकार सक्रांति पर भी सूक्ष्म पूजा होगी।

इसके अतिरिक्त भंडारा इत्यादि कोई देव कार्य नहीं होगें। मेहता ने बताया कि क्योंथल राजा के निधन से समूचे क्षेत्र में एक वर्ष का शोक रखा गया है और इस दौरान सभी देवकार्य वर्जित माने गए हैं क्योंकि क्योंथल में राजा को चौथा इष्ट अर्थात प्रमुख देवता माना जाता है। जिसके चलते आगामी एक वर्ष तक देवता जुन्गा के 22 टीका मंदिर बंद रहेगें तथा लोगों को दर्शन की अनुमति नहीं होगी।


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