कृषि विश्वविद्यालय में आकाशवाणी व दूरदर्शन प्रसारकों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू

प्रो.एच.के.चौधरी ने किया आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन

HNN/ कांगड़ा

चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में आकाशवाणी और दूरदर्शन प्रसारकों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हुई। विश्वविद्यालय और नेशनल एकेडमी ऑफ ब्रॉडकास्टिंग एंड मल्टीमीडिया (एनएबीएम), प्रसार भारती नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी ने किया।

अपने संबोधन में कुलपति प्रो. एच.के. चौधरी ने नई और नवीनतम कृषि उत्पादन तकनीकों और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से लागत प्रभावी कृषि के लिए एक रणनीतिक संचार योजना विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। कुलपति ने कहा कि वैज्ञानिक और प्रसारक इसके लिए हाथ मिला सकते हैं।

किसानों को उपयोगी जानकारी प्रदान करें जो उन्हें अपनी कृषि आय बढ़ाने में सक्षम बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि प्रसारकों को किसानों की कड़ी मेहनत और उनके खेतों में दिन-प्रतिदिन की समस्याओं से निपटने के तरीकों को सीखने के लिए विशिष्ट क्षेत्रों में किसानों के काम का अध्ययन करना चाहिए।

उन्होंने कहा अच्छा प्रगतिशील किसानों के कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर किया जाना चाहिए ताकि अन्य लोग भी प्रेरित हों। कुलपति ने कृषि में हिमाचल प्रदेश की ताकत पर भी प्रकाश डाला और प्रशिक्षुओं से कहा कि वे किसानों को प्रश्न पूछने और सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करें।

उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।सूचना और प्रसारण मंत्रालय की अतिरिक्त महानिदेशक अनुराधा अग्रवाल ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि प्रसारकों को उन कृषि प्रौद्योगिकियों के बारे में जागरूक होना चाहिए जो किसानों को उनकी आय दोगुनी करने में मदद करती हैं।

उन्होंने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने में विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ नवीनतम कृषि का उपयोग करने में लगभग 45 प्रसारकों को प्रशिक्षित करेंगे। आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारकों की भूमिका हितधारकों को सही सूचना एवं उत्पादन प्रौद्योगिकियों के साथ शिक्षित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

समन्वयक एनएबीएम डाक्टर उमाशंकर सिंह, और निदेशक प्रसार शिक्षा डाक्टर नवीन कुमार, ने भी विचार व्यक्त किए। सह निदेशक डाक्टर एस.के. उपाध्याय ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। कुलसचिव मधु चौधरी सहित विश्वविद्यालय के संविधिक अधिकारियों ने उद्घाटन समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।  


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