मॉक्सीरिड-एलबी 625 टैबलेट्स और यह दवाई भी नहीं है मानकों के अनरूप
हिमाचल नाऊ न्यूज़ काला अंब/नई दिल्ली
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा जारी मार्च 2025 के ड्रग अलर्ट ने हिमाचल प्रदेश के काला अंब औद्योगिक क्षेत्र में निर्मित दो दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं।
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नियमित नियामक निगरानी के तहत राज्य की प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए विश्लेषण में कला अंब औद्योगिक क्षेत्र में बनी हुई दवाएं नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी – एनएसक्यू पाई गई हैं।
अलर्ट के अनुसार, काला अंब स्थित ब्रिट लाइफ साइंस द्वारा निर्मित अनावल-40 टैबलेट्स (Anaval-40 Tablets), जो कि पैंटोप्राजोल गैस्ट्रो-रेसिस्टेंट टैबलेट्स आईपी 40 मिलीग्राम है, विघटन परीक्षण (डिसोल्यूशन टेस्ट) में विफल रही।
तेलंगाना की राज्य औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला ने पाया कि यह दवा भारतीय फार्माकोपिया (आईपी) के मानकों के अनुरूप नहीं है। इस दवा का मार्केटिंग एवेल लाइफ साइंसेज करती है।
इसी क्षेत्र की एक अन्य फर्म, एलेनक्योर बाइटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित मॉक्सीरिड-एलबी 625 टैबलेट्स (Moxirid-LB 625 Tablets) भी गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी।
यह दवा एमोक्सिसिलिन, पोटेशियम क्लैवुलनेट और लैक्टिक एसिड बैसिलस टैबलेट्स का संयोजन है, जिसका मार्केटिंग ट्रुलप फार्मा द्वारा किया जाता है। तेलंगाना की प्रयोगशाला ने इसे मिसब्रांडेड घोषित किया है, क्योंकि लेबल पर केवल अप्रूव्ड कलर के इस्तेमाल का उल्लेख था, लेकिन यह परीक्षण में विफल रही।
काला अंब हिमाचल प्रदेश का एक महत्वपूर्ण फार्मास्युटिकल हब है, और यहां की दवा कंपनियों द्वारा गुणवत्ता मानकों का पालन न करना चिंता का विषय है। सीडीएससीओ द्वारा इस तरह के अलर्ट जारी करने का उद्देश्य दवा निर्माताओं और अन्य हितधारकों को गुणवत्ता संबंधी मुद्दों के बारे में जागरूक करना है ताकि बाजार में खराब गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति को रोका जा सके।
मार्च 2025 के इस अलर्ट में उन राज्य औषधि लाइसेंसिंग अथॉरिटीज़ से डेटा शामिल है जिन्होंने अपनी रिपोर्ट सौंपी है, जिनमें केरल, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी, असम और त्रिपुरा शामिल हैं। वहीं, कई अन्य राज्यों ने अभी तक अपना डेटा जमा नहीं किया है।
यहां यह भी बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बनी हुई 38 दवाएं प्रशिक्षण में फेल हुई है जिम ब्यूटी क्रीम और लिपस्टिक भी शामिल है। और यदि पूरे देश की बात की जाए तो टोटल 93 दवाएं सब स्टैंडर्ड पाई गई हैं।
हालांकि सिरमौर में काला आम क्षेत्र एक काबिल महिला अधिकारी के जिम्मे है मगर वही उन्हें एसिस्ट करने वाले ड्रग इंस्पेक्टर की कार्य प्रणाली को लेकर अक्सर सवाल भी खड़े होते हैं। अगली खबर में ड्रग इंस्पेक्टर के कुछ ऐसे खास कार्य हैं जिन्हें बताने की कोशिश की जाएगी
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