नर्सरी मान्यता प्रक्रिया को परखने के लिए नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड की टीम ने धौलाकुआं स्थित औद्यानिकी अनुसंधान केंद्र का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान विशेषज्ञों ने नर्सरी इकाइयों, पॉलीहाउस संरचनाओं और फलों की विभिन्न प्रजातियों वाले मदर ब्लॉकों की गुणवत्ता व व्यवस्था का गहन मूल्यांकन किया।
नाहन
निरीक्षण का नेतृत्व और टीम संरचना
एनएचबी निरीक्षण दल का नेतृत्व कंसल्टेंट-कम-चेयरमैन डॉ. वाई.सी. गुप्ता ने किया। उनके साथ उप निदेशक डॉ. एस.के. चौरसिया, डॉ. राज कुमार, विषय विशेषज्ञ डॉ. शिवाली धीमान सहित एनएचबी प्रतिनिधि मौजूद रहे। टीम ने केंद्र द्वारा तैयार की जा रही पौध उत्पादन प्रणाली का तकनीकी मूल्यांकन किया।
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नर्सरी इकाइयों और मदर ब्लॉकों का मूल्यांकन
केंद्र की सह निदेशक डॉ. प्रियांका ठाकुर और सहायक प्रोफेसर डॉ. शिल्पा ने टीम को आम, लीची, अमरूद, नींबू, अंजीर, सपोटा, अनार, बेर, फालसा, करौंदा, लोकाट और जामुन सहित प्रमुख फलों के मदर ब्लॉकों का निरीक्षण करवाया। कुल 5.66 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली नर्सरी इकाइयों में पॉलीहाउस, कार्य-शेड और विशेष लीची मदर ब्लॉक शामिल हैं।
नर्सरी उत्पादन क्षमता और विविधता
धौलाकुआं केंद्र वर्तमान में मिट्टी और पॉलीबैग दोनों तकनीकों से उच्च गुणवत्ता वाले पौध तैयार कर रहा है। वर्ष 2025–26 के लिए कुल 23,102 पौध उत्पादनाधीन हैं। केंद्र में 23 सिट्रस, 15 आम, 5 लीची तथा अमरूद, अंजीर, अनार, जामुन और सपोटा की अनेक प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है।
किसानों को लाभ और क्षेत्रीय योगदान
पिछले एक दशक में केंद्र ने हिमाचल प्रदेश और पड़ोसी राज्यों के हजारों किसानों को प्रमाणित नर्सरी पौध उपलब्ध करवाए हैं। लगभग 40,066 वर्ग मीटर क्षेत्र में किन्नू, आम, अमरूद, साइट्रस, ड्रैगन फ्रूट, अंजीर, फालसा, करौंदा, आँवला, सपोटा और अनार के मदर ब्लॉक किसानों की जरूरतों के अनुरूप पौध उत्पादन को मजबूत बना रहे हैं।
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