HNN/ नाहन
नाहन सिरमौर भाजपा के जिला सह मीडिया प्रभारी प्रताप सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान करते हुए बताया कि उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान नहीं चाहते कि गिरी पार क्षेत्र के लोगों को एसटी का दर्जा मिले। विधानसभा चुनाव से पूर्व हाटी की महा खुमली में हर्षवर्धन चौहान ने बताया था कि यदि गिरी पार क्षेत्र को एसटी का दर्जा दिलाने के लिए मुझे अपना खून भी बहाना पड़ेगा तो में उससे भी गुरेज नहीं करूंगा क्योंकि उन्होंने सोचा था कि यह काम होने वाला नहीं है।
क्योंकि गिरी पार क्षेत्र के लोग इस मांग को पूरा करवाने के लिए पिछले 55 वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन उन्हें यह पता नहीं था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, जनजाति मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, पूर्व ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, लोकसभा सांसद सुरेश कश्यप, राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार एवं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर जो कहते हैं वह करके दिखाते हैं।
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रावत ने बताया कि केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डॉ अमीचंद कमल, महासचिव कुंदन शास्त्री, हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप सिंगंटा, मुख्य प्रवक्ता डॉ रमेश सिंगंटा एवं उनकी सारी टीम ने गिरी पार क्षेत्र को एसटी का दर्जा दिलाने के लिए अपनी मुख्य भूमिका निभाई है।
रावत ने बताया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गिरी पार क्षेत्र की जनता के साथ जो वायदा किया था उस वायदे को उन्होंने वखूबी निभाया ही नहीं बल्कि गिरी पार क्षेत्र को एसटी का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने लोकसभा एवं राज्यसभा से भी बिल पारित करवाकर देश की महामहिम राष्ट्रपति से भी सैद्धांतिक मंजुरी दिलवाकर इस फाइल को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार को भेजी थी। लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी तक भी इस फाइल को मंजूरी प्रदान नहीं की है जबकि 2 महीने का वक्त होने वाला है।
रावत ने बताया कि जैसे ही यह फाइल प्रदेश सरकार के पास पहुंची थी तो उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर इस फाइल को मंजूरी प्रदान करनी चाहिए थी ताकि गिरी पार क्षेत्र के लाखों बेरोजगार युवा अपन एसटी प्रमाण पत्र बनवाकर इसका फायदा उठाते।
लेकिन हर्षवर्धन चौहान नहीं चाहते कि गिरी पार क्षेत्र के लोगों का भला हो इसके पीछे उनकी मानसिकता यह है कि अगर गिरी पार क्षेत्र के लोगों को एसटी का दर्जा मिल गया तो लोग बड़े-बड़े पदों पर बैठेंगे और फिर हमारी राजनीति नहीं चलेगी। इसलिए उन्होंने गिरी पार क्षेत्र के लोगों को एसटी का दर्जा ना मिले इसको रोकने के लिए उन्होंने अपने ही पार्टी के ओबीसी नेताओं को उकसाया है।
रावत ने बताया कि यह नेता अपने आप ओबीसी से बाहर है क्योंकि यह सभी लोग साधन संपन्न है। इसलिए उनकी आए वार्षिक 8 लाख से अधिक बनती है। इसलिए यह लोग ओबीसी के लोगों को गुमराह कर रहे हैं लेकिन ओबीसी के लोग इनके बहकावे में आने वाले नहीं है। क्योंकि आजकल सब लोग पढ़े लिखे हैं।
इसलिए सब लोग अपना फायदा एवं नुकसान जानते हैं। रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपने विवेक से काम लेना चाहिए और शीघ्र ही इस बिल को मंजूरी प्रदान करनी चाहिए। ताकि गिरी पार क्षेत्र के लाखों बेरोजगार युवा इसका लाभ उठा सके।
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