नाहन:
कहते हैं कि सफलता उन्हीं को मिलती है जो कठिन हालात में भी अपने लक्ष्य से नजर नहीं हटाते। जिला सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के छोटे से गांव खनीवड़ की मेघा सिंह कंवर ने इस कहावत को सच कर दिखाया है।
किसान-बागवान परिवार से ताल्लुक रखने वाली मेघा ने हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) परीक्षा में प्रदेश टॉप कर यह साबित कर दिया कि मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास के आगे कोई असफलता टिक नहीं सकती।
मेघा का सफर आसान नहीं रहा। वर्ष 2023 में पहला प्रयास और 2024 में दूसरा प्रयास असफल रहा। इन असफलताओं ने उन्हें तोड़ा नहीं, बल्कि और मजबूत बनाया। मार्च 2025 में एलाइड सेवाओं की परीक्षा पास करने के बावजूद अंतिम चयन नहीं हो पाया, लेकिन मेघा का लक्ष्य स्पष्ट था—उन्हें प्रशासनिक अधिकारी ही बनना था।
जून 2025 में तीसरी बार एचएएस परीक्षा दी और मंगलवार देर शाम घोषित परिणाम में मेघा प्रदेश की टॉपर बनकर उभरीं। यह सफलता केवल एक परीक्षा पास करने की नहीं, बल्कि लगातार संघर्ष और आत्मअनुशासन की जीत है।
मेघा ने प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल से प्राप्त की। छठी कक्षा में जवाहरलाल नेहरू नवोदय विद्यालय, नाहन में चयन हुआ। इसके बाद उन्होंने डॉ. वाईएस परमार वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय, नौणी (सोलन) से बीएससी और एमएससी वानिकी की पढ़ाई की। वर्ष 2022 से उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी शुरू की।
मेघा के पिता नरेंद्र ठाकुर किसान व बागवान हैं। माता अनीता ठाकुर गृहिणी हैं। भाई करण कंवर हिमाचल प्रदेश पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद परिवार ने मेघा को हर कदम पर समर्थन दिया।
मेघा कहती हैं कि असफलता अंत नहीं होती, बल्कि यह खुद को बेहतर समझने का अवसर देती है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, गुरुजनों और निरंतर मेहनत को दिया।
आज मेघा कंवर न केवल अपने परिवार और जिले का गौरव हैं, बल्कि उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो असफलता के बाद हार मान लेते हैं। उनका सफर यह सिखाता है कि लक्ष्य स्पष्ट हो और प्रयास ईमानदार हों, तो सफलता निश्चित है।
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