HNN/ शिमला
राजधानी शिमला के कनलोग और डाउनडेल में हुई घटना के बाद से अभी तक आदमखोर तेंदुआ वन विभाग की पकड़ में नहीं आ पाया है। रिहायशी इलाकों में जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरे और पिंजरे लगाए गए हैं परंतु तेंदुआ वन विभाग की पहुंच से कोसों दूर है। बड़ी बात तो यह है कि संजौली के साथ लगते ढींगूधार से तेंदुआ एक पालतू कुत्ते को उठाकर ले गया है जिससे स्थानीय लोग और ज्यादा ख़ौफ़ज़दा हो गए हैं।
तेंदुए की मौजूदगी ने स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। वन विभाग की टीमें लगातार तेंदुए को पकड़ने का प्रयास कर रही हैं परंतु अभी तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है। बीते दिनों तेंदुआ पकड़ने के लिए लगाए पिंजरों के गेट के पास से तेंदुआ वापस लौट गया। तेंदुए ने पिंजरे में रखा मांस देखा और पिंजरे के चारों ओर घूमने के बाद वापस चला गया।
बता दें कि राजधानी शिमला के डाउनडेल से दीपावली की रात आदमखोर तेंदुआ एक पांच साल के बच्चे को घर से उठा ले गया था। इतना ही नहीं इससे पहले भी कनलोग से एक 6 वर्षीय मासूम बच्चे को घर से ही तेंदुआ उठाकर ले गया था। दो घटनाओं के बाद से लोग तेंदुए के आतंक में जी रहे हैं। खासकर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग दहशत के साए में जीने को मजबूर हैं।
उन्हें हर पल यही डर सता रहा है कि कहीं उनके बच्चों पर भी तेंदुआ हमला न कर दे। स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग को तेंदुए को पकड़ने के लिए अभियान और तेज करने की जरूरत है। हालांकि क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर 3 सीसीटीवी कैमरे और स्थापित कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं तेंदुए की धरपकड़ के लिए और भी नए कैमरे स्थापित कर दिए जाएंगे।