HNN / नाहन
होली विभिन्न अनेकता में एकता के रंगों से बने त्यौहार के नाम से प्रसिद्ध है। होली शब्द होलिका भक्त प्रहलाद की बुआ, राक्षस राजा हिरण्यकशिपु की बड़ी बहन से निकला है। भद्रा रहित, प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा तिथि, होलिका दहन के लिये उत्तम मानी जाती है। यदि भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा का अभाव हो परन्तु भद्रा मध्य रात्रि से पहले ही समाप्त हो जाए तो प्रदोष के पश्चात जब भद्रा समाप्त हो तब होलिका दहन करना चाहिये।
यदि भद्रा मध्य रात्रि तक व्याप्त हो तो ऐसी परिस्थिति में भद्रा पूँछ के दौरान होलिका दहन किया जा सकता है। परन्तु भद्रा मुख में होलिका दहन कदाचित नहीं करना चाहिये। धर्मसिन्धु में भी इस मान्यता का समर्थन किया गया है। धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार भद्रा मुख में किया होली दहन अनिष्ट का स्वागत करने के जैसा है जिसका परिणाम न केवल दहन करने वाले को बल्कि शहर और देशवासियों को भी भुगतना पड़ सकता है।
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किसी-किसी साल भद्रा पूँछ प्रदोष के बाद और मध्य रात्रि के बीच व्याप्त ही नहीं होती तो ऐसी स्थिति में प्रदोष के समय होलिका दहन किया जा सकता है। कभी दुर्लभ स्थिति में यदि प्रदोष और भद्रा पूँछ दोनों में ही होलिका दहन सम्भव न हो तो प्रदोष के पश्चात होलिका दहन करना चाहिये। निर्णय सिंधु के मतानुसार होलिका दहन भद्रा रहित प्रदोष काल व्यापिनी – फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होलिका दहन किया जाता है।
इस वर्ष 18 मार्च 2022 ई. को यह दोपहर 12 घं. 47 मि. पर ही समाप्त हो रही है। जबकि 17 मार्च को यह प्रदोषव्यापिनी है। परन्तु इस दिन प्रदोष काल भद्रा से व्याप्त है। और भद्रा में होलिका दहन का सर्वदा निषेध है। इस स्थिति में भद्रापुच्छ में होलिका दहन का निर्देश शास्त्र ग्रन्थों ने दिया है। अतः होलिका दहन गुरुवार 17 मार्च 2022 ई को रात्रि 9 बजकर 1 मिनट से लेकर 10 बजकर 12 मि. के मध्य होगा। इसी अवधि में होलिका करना शास्त्र सम्मत भी है।
पूर्णिमा तिथि आरंभ 17 मार्च दिन 01 बजकर 29 मिनट से।
पूर्णिमा तिथि समाप्त 18 मार्च रात 12 बजकर 47 मिनट पर
भद्रा पूंछ रात्रि 09 बजकर 1 मिनट से 10 बजकर 12 मिनट तक
भद्रा मुख रात्रि 10 बजकर 12 मिनट से मध्यरात्री 12 बजकर 11 मिनट तक।
होलिका दहन मुहूर्त गुरुवार 17 मार्च रात्रि 09 बजकर 01 मिनट से रात्रि 10 बजकर 12 मिनट तक।
रंगवाली होली (धुलण्डी) 18 मार्च शुक्रवार।
हर राशि के कुछ निर्धारित रंग होते हैं और कुछ इस वर्ष के ग्रह-गोचर की दृष्टि से शुभ रंग माने जा सकते हैं। 12 राशि के अनुसार होली पर खेले जाने वाले रंगों का विवेचन- :
📢 लेटेस्ट न्यूज़
- मेष, वृश्चिक राशि वालों के लिए पीला, नारंगी, हल्के लाल, गुलाबी, केसरिया रंग शुभ हैं।
- वृषभ, तुला राशि वालों के लिए सभी चमकीले रंग, विशेष सफेद, नीला, फिरोजी रंग शुभ । लाल रंग का प्रयोग ना ही करें तो उत्तम।
- मिथुन, कन्या राशि वालों के लिए हरा, नीला, फिरोजी दही में मिले रंगों का प्रयोग किया जा सकता है।
- कर्क राशि वालों कि लिए सफेद रंगों का प्रयोग करें व दही, दूध, छाछ में नारंगी, पीले, केसरिया रंगों को डाल कर प्रयोग कर सकते हैं।
- सिंह राशि वालों के लिए गुलाबी, नारंगी, सुनहरी, पीले, केसरिया रंगों का प्रयोग कर सकते हैं।
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