HNN/नाहन
हिमाचल प्रदेश में 10 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो रही है। सिविल सप्लाई कार्पोरेशन किसानों से धान खरीद करेगा। ये कार्य 31 दिसंबर तक चलेगा। धान खरीद मूल्य 2320 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। राज्य में अबतक 3465 से ज्यादा किसान अपना पंजीकरण करा चुके हैं। इनमें 2462 से अधिक किसानों को टोकन भी जारी किए गए हैं।
धान खरीद प्रदेश के विभिन्न जिलों की 11 अनाज मंडियों पर होगी। इसके अलावा इस बार रागी खरीद के लिए भी अलग से 8 मंडियां तैयार की गई हैं। धान बेचने के लिए सबसे ज्यादा पंजीकरण जिला सिरमौर के किसानों ने किया है। अबतक सिरमौर से सबसे ज्यादा 1843 किसान पंजीकरण करा चुके हैं। जबकि, सोलन जिला से 1132 किसान, कांगड़ा से 421, ऊना से 72 और शिमला से 1 किसान ने अपनी उपज बेचने के लिए पंजीकरण कराया है।
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सिरमौर जिला में एपीएमसी मंडी पांवटा साहिब और धौलाकुआं अनाज मंडी में क्रमशः 639 और 631 किसानों को धान बेचने के लिए टोकन जारी किए जा चुके हैं। पंजीकरण की प्रक्रिया भी अभी जारी है। सिरमौर में इस बार 11,000 मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है।
वहीं, कांगड़ा की फतेहपुर मंडी में 7, रियाली में 137, मिलवां (इंदौरा) में 142, सोलन की नालागढ़ मंडी में 435, बद्दी में 437, ऊना जिला के टाहलीवाल में 9, रामपुर में 2 और टकारला अनाज खरीद मंडी में 10 किसानों को टोकन जारी किए गए हैं।
बता दें कि गत वर्ष हिमाचल प्रदेश में 2022-23 के मुकाबले 8897 मीट्रिक टन से ज्यादा धान की पैदावार हुई थी। इस दौरान अनाज मंडियों में 3763 किसानों ने प्रदेश सरकार को 22897.95 मीट्रिक टन उपज बेची। पिछली मर्तबा खरीद कार्य तीन अक्टूबर से शुरू किया गया था। 2022-23 में 14,000 मीट्रिक टन के करीब धान का उत्पादन हो पाया था। जबकि, 2023-24 में निगम ने 22,000 मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा, जिसे निगम ने आसानी से पूरा कर लिया था। पिछले साल निगम ने धान की तय लक्ष्य से 897 मीट्रिक टन ज्यादा खरीद की थी।
पिछले साल धान की सबसे ज्यादा पैदावार भी सिरमौर में हुई. राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने जिले में 6250 मीट्रिक टन (62,500 क्विंटल) खरीद का लक्ष्य रखा था, जो इससे कहीं अधिक बढ़कर 10,322.21 मीट्रिक टन जा पहुंचा. लिहाजा, इस बार ये लक्ष्य 11,000 मीट्रिक टन रखा गया है।
उधर, एरिया मैनेजर हुसन कश्यप ने बताया कि धान की खरीद 10 अक्टूबर से शुरू हो रही है।धान के साथ साथ इस बार रागी की खरीद भी की जाएगी।सिरमौर में अलग से रागी खरीद के लिए केंद्र बनाए गए हैं। अनाज मंडियों को एपीएमसी तैयार कर रही है। मंडियों में किसानों को हर सुविधा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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