Himachalnow/शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी (HPTDC) के घाटे में चल रहे 18 होटलों को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए हैं. कोर्ट ने यह आदेश पर्यटन निगम से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले पर सुनवाई के बाद दिए।न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा, ऐसा इसलिए जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पर्यटन विकास निगम द्वारा होटलों के रखरखाव में सार्वजनिक संसाधनों की बर्बादी न हो।
अदालत ने पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक को इन होटलों को बंद करने संबंधी आदेशों की अनुपालना को सुनिश्चित करने के आदेश दिए। कोर्ट के समक्ष कुल 56 होटलों द्वारा किए व्यवसाय से जुड़ी जानकारी रखी गई थी।इस जानकारी को खंगालने के बाद कोर्ट ने घाटे में चल रहे होटलों को सफेद हाथी बताते हुए कहा कि ये होटल राज्य पर बोझ हैं। कोर्ट ने कहा कि पर्यटन विकास निगम अपनी संपत्तियों का उपयोग लाभ कमाने के लिए नहीं कर पाया है।
अदालत ने कहा कि निगम को बार-बार आगाह करने पर भी सेवानिवृत्त पेंशनरों को ग्रेच्युटी, लीव इन कैशमेंट, कम्यूटेशन और अन्य वित्तीय लाभ नहीं दिए गए. इसी पर कोर्ट का यह कड़ा फैसला आया है। अदालत ने कहा कि आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट प्रबंध निदेशक तीन दिसंबर को कोर्ट में पेश करें। अदालत ने निगम को सेवानिवृत्त कर्मचारियों, चतुर्थ श्रेणी और मृतक कर्मचारियों की सूची अगली सुनवाई को पेश करने को कहा, जिससे बकाया राशि निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और मृतक कर्मचारियों के परिवारों के सदस्यों के पक्ष में जारी की जा सके।
इन होटलों में द पैलेस होटल, होटल गीतांजलि, होटल बाघल, होटल धौलाधार, होटल कुणाल, होटल कश्मीर हाउस, होटल एप्पल ब्लॉसम, होटल चंद्रभागा, केलांग, होटल देवदार, होटल गिरीगंगा, होटल मेघदूत, होटल सरवरी, लॉग हट्स, होटल हिडिम्बा कॉटेज, होटल कुंजुम, होटल भागसू, होटल द कैसल व शिवालिक परवाणू जैसे होटल शामिल हैं, जिनकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है।