HNN/शिमला
हिमाचल प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें कहा गया है कि ठोस कचरे के निस्तारण के लिए कोई एक्शन प्लान नहीं है। अदालत ने केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड और पर्यावरण मंत्रालय को अपने पिछले आदेश में ठोस कचरे के निस्तारण के लिए क्या कदम व योजनाएं बनाई हैं, इस पर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। बोर्ड ने बताया कि करीब 13 संस्थाएं इस पर काम कर रही हैं।
अगर कोई व्यक्ति या संगठन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसका चालान काटने का काम सबसे बड़ी संस्था करती है। अदालत ने सचिव से पूछा कि ठियोग, नारकंडा व अन्य स्थानों पर शौचालय बहुत ही गंदी हालत में हैं। जगह-जगह प्लास्टिक व कूड़े के ढेर लगे हैं। इसके निवारण के लिए विभाग क्या कर रहा है। इस पर बोर्ड की ओर से प्रस्तुत हलफनामे में बताया गया कि स्थानीय निकायों के लिए कोई भी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का एक्शन प्लान नहीं बनाया गया है।
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इसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई पर अपनी रिपोर्ट जमा करवाने को कहा है। मामले को अगली सुनवाई 28 अक्तूबर को होगी। पंचायत सचिवों के पास नहीं चालान बुक हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सुलेमान मामले में न्याय मित्र देवन खन्ना ने ठोस कचरा निस्तारण में धरातल पर उड़ रहीं धज्जियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। कहा कि पंचायतों में ठोस कचरे के निस्तारण के लिए पंचायत सचिवों के पास कोई चालान बुक नहीं है, जिसके आधार पर कूड़ा-कचरा डालने पर पंचायत सचिव जुर्माना लगा सकें।
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