HNN/शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने खनन गतिविधियों पर तीन तरह के शुल्क लगाने का फैसला किया है। इनमें मिल्क सेस, इलेक्ट्रिकल व्हीकल (ईवी) शुल्क और ऑनलाइन चार्ज शामिल हैं। इस संशोधन से संबंधित अधिसूचना शुक्रवार से लागू हो गई है। खनन पट्टों पर प्रति टन 5 रुपये ऑनलाइन शुल्क, 5 रुपये ईवी शुल्क और 2 रुपये मिल्क सेस देना होगा।
इसके अलावा, रॉयल्टी का 75 फीसदी प्रोसेसिंग शुल्क भी देय होगा। सरकारी भूमि की एवज में सर्फेस रेंट 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तय हुआ है। खनन पट्टे के नवीकरण की आवेदन फीस 25,000 रुपये तय की गई है। नदी तल में मशीनों से खनन की फीस दो साल के लिए 50 लाख और धरोहर राशि 25 लाख रुपये तय की गई है।
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इस नियम में बदलाव से रेत और बजरी की कीमतें बढ़ सकती हैं। सरकार की ओर से तय किए गए नियमों में संशोधन से होने वाली आय दूध खरीद की गारंटी को पूरा करने और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेश में ई-वाहनों को बढ़ावा देने पर खर्च की जाएगी।
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