ग्रिड से जुड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर मिलेगी सब्सिडी
HNN / शिमला
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों पर सरकार मेहरबान हुई है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री रोशनी योजना के तहत अगले वित्तीय वर्ष में 5 हजार गरीबों के घरों को नि:शुल्क बिजली की सुविधा देने का फैसला लिया है। इससे पूर्व भी सरकार ने मुख्यमंत्री रोशनी योजना के तहत पात्र 12765 निर्धन परिवारों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवाए हैं। आगामी वित्तीय वर्ष में प्रदेश में छह नई बिजली परियोजनाएं भी शुरू होने वाली हैं।
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इनमें फ्रेंच विकास एजेंसी ने चांजू-3 और दियोथल चांजू जल विद्युत परियोजना के वित्तपोषण को सहमति दी है। इनमें एएफडी और भारत सरकार के बीच 800 करोड़ रुपए की राशि के क्रेडिट सुविधा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों परियोजनाओं की टेंडर प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जाएगी। इसके साथ ही 15 मेगावाट की साईकोठी, 16 मेगावाट की देवीकोठी, 16.5 मेगावाट की सेईकोठी-2 और 18 मेगावाट की हेल बिजली परियोजना शुरू होंगी।
सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को ग्रिड से जुड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने पर छह हजार रुपये सब्सिडी देने का फैसला लिया है। वर्तमान में प्रति किलोवाट चार हजार रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। इस संयंत्र को घर की छत पर लगाकर घरेलू उपभोक्ता अपने प्रयोग के अलावा बिजली बोर्ड को बिजली बेच सकेंगे।
लोहे से बदले जाएंगे लकड़ी के खंभे
सरकार ने वित्तीय वर्ष में 20 हजार लकड़ी के खंभों को लोहे में बदलने का भी फैसला किया है। सरकार ने 24 घंटे सातों दिन बिजली मुहैया करवाने की भी बात कही है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार नई ऊर्जा नीति के तहत प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने पर जोर देगी।
33/11 केवी केंद्रों के विस्तार से दूर होगी कम वोल्टेज
कम वोल्टेज की समस्या को समाप्त करने के लिए 33/11 केवी एचटी केंद्रों के निर्माण और मौजूदा 33/11 केवी एचटी केंद्रों की क्षमता के विस्तार के लिए इस वर्ष 23 नई योजनाएं शुरू होंगी। इससे संबंधित क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में सुधार होगा।
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