HNN/ सोलन
हमारा कल्चर खत्म होता जा रहा है। हम पश्चिमी सभ्यता की ओर बढ़ रहे हैं। हमारी परम्पराओं और संस्कृति को संजोए रखने की बेहद आवश्यकता है। खुशी इस बात की है कि आज भी कुछ ऐसे संस्थान हैं जो हिमाचल के कल्चर को संजोए और आगे बढ़ा रहे हैं। जीनियस ग्लोबल स्कूल ऐसा ही एक संस्थान है। यह बात लोक संगीत विशेषज्ञ 92 वर्षीय राष्ट्रपति अवार्ड के लिए नॉमिनेटिड प्रोफेसर नंदलाल गर्ग ने स्कूल समारोह के समापन पर कही।
उन्होंने कहा कि बच्चों ने कार्यक्रम में जितनी भी प्रस्तुतियां दी, उसमें समस्त भारत के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति व परंपरा की झलक देखने को मिली। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रस्तुतियों को देख मन प्रफुल्लित हो गया। ऐसा कार्यक्रम तैयार करवाने के लिए स्कूल टीचर सहित बच्चों ने खासी मेहनत की है, जो काबिले तारीफ है। स्कूल के इस कार्यक्रम में आकर खासे प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने राष्ट्रपति अवॉर्ड के लिए नोमिनेशन होने की बात पर कहा कि वह बचपन से कला संस्कृति के लिए काम करते आए हैं। प्रदेश की संस्कृति को पूरे देश के साथ-साथ विदेशों तक पहुंचाया है। प्रदेश में पहले लोक संगीत पुरस्कार के लिए 26 जनवरी को राष्ट्रपति से अवार्ड मिलने की बेहद खुशी है। वह आने वाले दिनों में हिमाचल की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम करते रहेंगे। मुख्य अतिथि ने मेधावी बच्चों को पुरुस्कृत भी किया।
दूसरे सेशन में मचाया धमाल…
समारोह का दूसरा सेशन भी धमाकेदार रहा जिसमें सीनियर बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। देश के अलग-अलग राज्यों की झलक बच्चों के नृत्य में देखने को मिली। देर शाम तक चले इस कार्यक्रम का सभी परिजनों ने जमकर लुत्फ उठाया। इस दौरान बच्चे लावणी, नेपाली, डांडिया, साउथ इंडियन, जुम्बा, नाटी, के-पोप, बिहू, क्लासिकल व वेस्टर्न डांस पेश किया। कराटे डेमोंस्ट्रेशन व गिद्दा की प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को चार चांद भी लगे। तीसरी से सातवीं कक्षा से वंशोदिता, प्रबल, दीहर, प्रनित व आव्या को स्टूडेंट ऑफ द ईयर चुना गया।