सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने फैसले पर कहा कि, ‘यह दिल्ली के उपराज्यपाल पर निर्भर है कि अगर वह चाहें तो कार्यवाही करें, लेकिन हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
अदालत ने यह भी कहा कि यह औचित्य का मामला है, लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में कहा गया कि अरविंद केजरीवाल के हिरासत में रहने की वजह से वह मुख्यमंत्री पद के संवैधानिक दायित्व को निभाने में सक्षम नहीं हैं।
इसलिए उन्हें इस पद पर नहीं रहना चाहिए। इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हिरासत में रहते हुए केजरीवाल का सीएम पद पर रहना या न रहना, नैतिकता का सवाल हो सकता है, पर ऐसा कानूनी अधिकार नहीं है, जिसका हवाला देकर उन्हें सीएम पद से हटाने की मांग की जाए। कोई एक्शन लेना है तो एलजी ले, लेकिन हम इस मामले में दखल नहीं देंगे।
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें: Join WhatsApp Group
गौरतलब है कि 21 मार्च को ईडी ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति केस में गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (10 मई) को अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून तक अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। अरविंद केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा।
📢 लेटेस्ट न्यूज़
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें
ताज़ा खबरों और अपडेट्स के लिए अभी हमारे WhatsApp ग्रुप का हिस्सा बनें!
Join WhatsApp Group