सर्वे लाइन का कार्य पूरा, सामरिक तथा व्यवसायिक तौर पर महत्वपूर्ण है रेल कनेक्टिविटी
HNN / सिरमौर
सिरमौर को रेलवे लाइन कनेक्टिविटी में सांसद सुरेश कश्यप के प्रयास सफल होते नजर आ रहे हैं। सांसद सुरेश कश्यप के द्वारा सिरमौर को रेल कनेक्टिविटी दिए जाने को लेकर बनाई गई डीपीआर सबमिट कर दी गई है। यही नहीं सांसद के द्वारा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ भी विस्तृत रूप से सिरमौर को रेल दिलाए जाने पर गंभीरता के साथ चर्चा हो चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सांसद सुरेश कश्यप के द्वारा अब तक के किए गए तमाम रेलवे लाइन सर्वे के बाद जगाधरी-हरियाणा-बराड़ा के साथ-साथ बद्दी-बरोटीवाला की सिरमौर से कनेक्टिविटी को लेकर बनाई गई डीपीआर पर सहमति दी गई है।
हालांकि 2021 में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पांवटा साहिब से जगाधरी रेलवे लाइन सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके लिए डीपीआर नहीं बन पाई थी। तो वही, सांसद सुरेश कश्यप ने लगातार रेल मंत्रालय से संपर्क साधते हुए जल्द से जल्द सिरमौर को रेल कनेक्टिविटी देने को लेकर योजना को जल्द क्रियान्वित करने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। तो वही, कल पेश होने वाले केंद्रीय बजट में भी सिरमौर के लिए रेल बजट में उम्मीद की किरण नजर आ रही है।
बता दें कि सामाजिक दृष्टिकोण से सिरमौर को रेलवे लाइन से जोड़ा जाना बड़ा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। असल में सिरमौर के साथ लगते उत्तराखंड-देहरादून स्थित मिलिट्री एकेडमी है, तो वही अंबाला कैंट भारतीय सेना और वायु सेना का प्रमुख केंद्र भी है। इसके साथ नाहन इन दोनों राज्यों के साथ सामरिक दृष्टि से जुड़ा हुआ है। अब यदि बात की जाए केंद्र सरकार की तो प्रदेश के बागवानों के लिए हमेशा उदारवादी रही है। अब यदि पांवटा साहिब में प्रमुख रेल जंक्शन बनता है तो रोहडू-जुब्बल-कोटखाई का सेब वाया राजगढ़ गिरी पुल तथा शिलाई विधानसभा क्षेत्र से गुजरने वाले नेशनल हाईवे की सीधी कनेक्टिविटी में है।
ऐसे में इस क्षेत्र के बागवानों को सेब ट्रांसपोर्टेशन के लिए रेलवे सुविधा संजीवनी साबित हो सकती है। अभी तक अधिकतर सेब शिमला-सोलन से होकर गुजरता है, जिसके चलते इस मार्ग पर भारी ट्रैफिक दबाव बन जाता है। इसके अलावा सुरेश कश्यप के द्वारा केंद्र सरकार के साथ व्यापारिक दृष्टिकोण से सिरमौर को रेलवे लाइन से जोड़ने के लिए विशेष रुप से सिफारिश की गई है। बताना जरूरी है कि जिला सिरमौर में दो प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र है जिसमें काला अंब और पांवटा साहिब शामिल है। इन दोनों औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख उद्योगपतियों की लंबे समय से रेल ट्रांसपोर्टेशन कनेक्टिविटी की मांग रही है।
अब यदि यह प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के साथ भी जुड़ जाता है तो निश्चित ही यह रेलवे लाइन ना केवल सिरमौर के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए अति महत्वपूर्ण साबित होगी। बता दे कि आज तक शिमला पार्लियामेंट्री क्षेत्र में जो भी सांसद रहे हैं उन सब ने सिरमौर को रेल कनेक्टिविटी दिए जाने का आश्वासन दिया है। मगर सिरमौर को रेल से जोड़ा जाना क्यों जरूरी है इसको लेकर सांसद सुरेश कश्यप ने फैक्ट और फिगर दोनों केंद्र के सामने रखे हैं। माना जा सकता है इस बार के केंद्रीय रेल बजट में सिरमौर को भी रेल की सौगात मिल सकती है।
बता दें कि सांसद सुरेश कश्यप एक दमदार नेता है। प्रदेश में वह एक दौरा नेतृत्व भाजपा में निभा रहे हैं। वह न केवल शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद हैं बल्कि प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी हैं। सिरमौर उनका गृह जिला है साथ ही उनका लंबे समय से खुद का भी सपना रहा है कि सिरमौर को रेलवे लाइन कनेक्टिविटी मिले। इस बार रेल बजट में सिरमौर का नाम भी शामिल हो ऐसा इसलिए भी जरूरी माना जा सकता है क्योंकि वर्ष 2024 में पार्लियामेंट्री इलेक्शन होने जा रहे हैं। जाहिर है यदि सिरमौर को रेल कनेक्टिविटी मिलती है तो निश्चित ही सिरमौर की जनता एक बार फिर से सांसद सुरेश कश्यप को सिरमौर से रेल में दिल्ली भेजेगी।
उधर, सांसद सुरेश कश्यप ने खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि इस जिला को रेल कनेक्टिविटी दिए जाने को लेकर डीपीआर बनाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सिरमौर को रेलवे लाइन से जोड़े जाने को लेकर भारत सरकार तथा रेल मंत्री के साथ विशेष रूप से चर्चा भी की जा चुकी है। सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि इस बार की रेलवे बजट में उन्हें पूरी उम्मीद है, सिरमौर के लिए रेलवे लाइन का कहीं ना कहीं प्रावधान जरूर होगा।