The government did not give the budget, so the father got the gate built in the name of the martyr's son.

सरकार ने नहीं दिया बजट तो पिता ने बनवा दिया शहीद बेटे के नाम से गेट

HNN / धर्मशाला

जिला कांगड़ा के फतेहपुर में 2019 में रजौरी के पुंछ में शहीद हुए उपरली सिहाल के सपन चौधरी के परिजनों ने सरकारी वादों को पूरा होने के लिए लंबा इंतजार किया। थक-हारकर शहीद सपन चौधरी की यादगार में खुद लाखों रुपये खर्च कर शहीद के नाम का गेट बनवाकर उस पर प्रतिमा का अनावरण किया। 3 जनवरी 2019 को उपमंडल फतेहपुर की पंचायत मनोह सिहाल के गांव उपरली सिहाल का सपन चौधरी भरी जवानी में रजौरी के पुंछ में बर्फीले तूफान की चपेट में आकर शहीद हो गए थे।

परिजन शहीद की याद को बरकरार रखने के लिए गेट बनवाने को लगभग चार साल तक सरकार और प्रशासन से गुहार लगाते रहे। इतना समय बीतने के बाद भी सरकार और प्रशासन की तरफ से शहीद के नाम का गेट न बनवा पाने पर आखिरकार परिजनों ने खुद के पैसों से गेट बनवाने का प्रण लिया। परिजनों ने मंगलवार को गेट बनवाकर उस पर शहीद की प्रतिमा का अनावरण भी कर दिया।

शहीद सपन चौधरी के पिता वीर सिंह ने बताया कि गेट के साथ ही प्रतिमा बनवाने पर लगभग चार लाख रुपये का खर्च हुआ है। गेट और प्रतिमा उन्होंने अपने बेटे की शहादत को यादगार बनाने के लिए खुद के पैसों से बनाया है। उन्होंने कहा सरकार और प्रशासन से शहीद के नाम का गेट बनवाने की कई बार गुहार लगाई, लेकिन हर बार बजट न होने का हवाला दिया जाता रहा।


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