अन्य आवेदन कर्ताओं के फर्जी साइन कर चीफ कंजरवेटर वाइल्ड लाइफ को भेजी थी शिकायत
HNN / श्री रेणुका जी
बीते 16 फरवरी को रेणुका जी चिड़ियाघर के लिए बैटरी गाड़ी व साइक्लो के लिए हुई टेंडर प्रक्रिया पारदर्शी साबित हो गई है। टेंडर को लेकर नियमों की अनदेखी किए जाने को लेकर की गई शिकायत के शिकायतकर्ता कल्याण सिंह खुद विवादों में आ गए हैं।
मामला कुछ इस प्रकार से था कि 16 फरवरी को वाइल्डलाइफ द्वारा बैटरी गाड़ी तथा साइक्लों का टेंडर करवाया गया था। इस टेंडर प्रक्रिया में स्थानीय ठेकेदारों के द्वारा आवेदन किए गए थे। टेंडर स्थानीय व्यक्ति के नाम खोल दिया गया जिसकी सबसे कम विड थी। तो वही देरी से टेंडर डालने पहुंचे कल्याण सिंह जो कि शिकायतकर्ता करता था उसके द्वारा टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े करे गए।
कल्याण सिंह के द्वारा चीफ कंजरवेटर वाइल्ड लाइफ के लिए एक शिकायत पत्र तैयार किया गया। शिकायत पत्र में रवि ठाकुर, जीत सिंह, रोबिन आदि के नाम लिखकर तथा उनके नाम के फर्जी साइन बनाकर एक कॉपी मीडिया को भी प्रेषित की गई। मीडिया के द्वारा रिकॉर्ड किए गए बयान के आधार पर तथा चीफ कंजरवेटर को प्रेषित किए गए शिकायत पत्र को आधार मान कर खबर भी प्रकाशित की गई।
शिकायतकर्ता ने कहा था कि टेंडर प्रक्रिया 10:30 बजे के बाद बंद कर दी गई थी। जिसमें डीएफओ वाइल्डलाइफ का पक्ष भी लिखा गया था। इस मामले को लेकर शुक्रवार को रवि ठाकुर, जीत सिंह आदि के द्वारा मीडिया को जानकारी दी गई कि उनके द्वारा किसी भी तरह की शिकायत नहीं की गई थी।
कल्याण सिंह के द्वारा उनका नाम अपनी मर्जी से लिख दिया गया था। रवि ठाकुर ,जीत सिंह, संजू ,रोबिन ,सोहन लाल आदि ने बताया कि विभाग के द्वारा टेंडर प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ अपनाई गई थी। उन्होंने बताया कि विभाग के द्वारा आधा घंटा अधिक समय भी दिया गया था।
मगर कल्याण सिंह, जीत सिंह, रवि ठाकुर आदि 11:00 बजे के बाद टेंडर फॉर्म लेने पहुंचे थे। उन्होंने खुद माना कि देरी से पहुंचने के कारण उन्हें टेंडर फार्म नहीं दिया गया। रवि ठाकुर का कहना है कि कल्याण सिंह ने झूठी शिकायत दी है उनका विभाग पर या विभाग के खिलाफ किसी भी तरह की कोताही बरतने का आरोप बिल्कुल भी नहीं है।
इस मामले को लेकर शिकायतकर्ता की मंशा गलत निकली। जबकि डीएफओ वाइल्डलाइफ रवि शंकर की पुष्टि सही साबित रही।