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श्री रेणुका जी में मंडी समिति की जमीन पर अवैध कब्जाधारियों की उलटी गिनती शुरू, बिजली-पानी के कनेक्शन काटने के आदेश

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माननीय हाईकोर्ट के निर्देश के बाद एपीएमसी ने 17 कब्जाधारियों को नोटिस देकर मांगा था जवाब, तय समय सीमा खत्म

हिमाचल नाऊ न्यूज़ श्री रेणुका जी

मंडी समिति की जमीन पर अवैध कब्जों के खिलाफ सख्ती
श्री रेणुका जी स्थित कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) की जमीन पर अवैध रूप से बनी दुकानों के खिलाफ अब प्रशासन सख्त हो गया है। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद एपीएमसी ने 17 कब्जाधारियों को 15 दिन में जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किए थे। अधिकांश लोगों की ओर से जवाब न देने पर अब इन अवैध दुकानों के बिजली और पानी कनेक्शन काटने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

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1980 के दशक में मिली थी मंडी के लिए जमीन
साल 1984 के आसपास तत्कालीन कैबिनेट मंत्री ठाकुर गुमान सिंह ने मंडी समिति के लिए छह बीघा भूमि स्वीकृत की थी। इसी जमीन के कुछ हिस्से पर मंडी भवन का निर्माण हुआ, लेकिन अस्पताल के सामने के हिस्से पर कई लोगों ने अवैध रूप से दुकानें बना लीं। इन कब्जों के कारण मंडी का विस्तार और सड़क चौड़ीकरण दोनों प्रभावित हो रहे थे।

डिमार्केशन रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई
हाल ही में मंडी समिति अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने मंडी विस्तार के लिए डिमार्केशन करवाया, जिसमें तहसीलदार की मौजूदगी में 17 अवैध दुकानों की पुष्टि हुई। यह मामला पूर्व से ही उच्च न्यायालय में लंबित था। कोर्ट के निर्देश पर डिमार्केशन रिपोर्ट सौंपी गई और उसके आधार पर 15 दिन का समय दिया गया था। तय समय में अधिकांश ने कोई जवाब नहीं दिया।

बिजली-पानी काटने के दिए गए आदेश
समिति के अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने बताया कि अब बिजली बोर्ड और जल शक्ति विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं कि जिन दुकानों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया, उनके बिजली-पानी कनेक्शन काटे जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई अदालत के आदेशों के तहत की जा रही है।

स्थानीय दुकानदारों की दलील
वहीं कुछ दुकानदारों का दावा है कि 1977-78 की बाढ़ के बाद उन्हें यह जगह प्रशासन की ओर से पुनर्वास के रूप में दी गई थी। लेकिन एपीएमसी अध्यक्ष का कहना है कि उनके पास ऐसा कोई रिकॉर्ड या दस्तावेज नहीं है, इसलिए कार्यवाही जरूरी है।

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