रेणुका डैम नहीं तो गो बैक जय राम हो सकता है मेले पर
HNN/ नाहन
राष्ट्रीय महत्व के श्री रेणुका जी डैम निर्माण को अभी तक डबल इंजन वाली सरकार भी पंख नहीं लगा पाई है। प्रदेश में भाजपा की जयराम सरकार अब चुनावी वर्ष में प्रवेश कर चुकी है। बावजूद इसके बहुउद्देशीय परियोजना अभी भी लटकी पड़ी है। बताना जरूरी है कि हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की रेणुका जी विधानसभा में 7000 करोड़ का बांध प्रस्तावित है। इस बांध निर्माण से हिमाचल प्रदेश को बिजली और दिल्ली को पानी मिलना है।
यही नहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक एमओयू भी सरकार के शुरुआती वर्ष में साइन हुआ था। जिसके तहत हरियाणा और यूपी को सिंचाई हेतु पानी दिया जाना है। हालांकि इस बांध निर्माण को लेकर के योजनाएं और शिलान्यास होते रहे हैं मगर अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। अब प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री इस बांध के निर्माण का शिलान्यास करने की तैयारियों में है। मगर रास्ते में कई ऐसे रोडे हैं जो इस बार निर्माण में बाधा बनने को भी तैयार खड़े हैं।

हालांकि, जयराम ने मुख्यमंत्री रहते हुए इस डैम को सिरे चढ़ाने के कई प्रयास किए। बावजूद इसके केंद्र में मोदी सरकार ने इस बहुउद्देशीय परियोजना पर कहीं भी गंभीरता नहीं दिखाई है। हालांकि, इस परियोजना को भारत सरकार द्वारा पर्यावरण मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। वन मंत्रालय से प्रथम चरण की मंजूरी भी प्राप्त हो चुकी है बजट मिलते ही करीब 400 करोड़ रूपए सबसे पहले फॉरेस्ट को ही जाना है। इसकी तकनीकी मूल्याकंन समिति से अनुमति भी प्राप्त हो चुकी है।
अब केवल फाइनेंस के लिए केंद्र सरकार के कैबिनेट में यह फाइल पुटअप होनी है। अब यह फाइल कब जिला सिरमौर में भाजपा के भाग जगाएगी यह तो वक्त ही बताएगा। काबिले गौर हो कि रेणुकाजी बांध परियोजना का जांच कार्य 1976 में प्रारंभ हुआ था परंतु कुछ कारणवश निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया। 2015 के स्तर पर परियोजना की अनुमानित लागत 4596.76 करोड़ रुपये हो चुकी थी। जबकि सिंचाई/पेयजल घटक की लागत 4325.43 करोड़ रुपये है।
ऊर्जा घटक की लागत 277.33 करोड़ रुपये है। सिंचाई/पेयजल घटक की 90 प्रतिशत लागत अर्थात 3892.83 करोड़ रुपये केन्द्र सरकार के द्वारा वहन की जाएगी। शेष 432.54 करोड़ रुपये की राशि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली राज्य वहन करेंगे ऐसा नितिन गडकरी की अध्यक्षता में हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में यह जानकारी दी गई थी। मगर मौजूदा वर्ष 2021 की बात की जाए तो इस डैम के निर्माण में कुल लागत का आंकड़ा सात हजार को पार कर चुका है।
रेणुका डैम पर राजनीतिक समीकरण
गौरतलब हो कि 2022 सत्ता के फाइनल मैच में जिला सिरमौर जयराम सरकार का रिपोर्ट कार्ड चेक करने के मूड में है। वजह सत्ता का सेमीफाइनल मौजूदा समय प्रदेश में भाजपा सरकार की बड़ी किरकरी कर रहा है। सिरमौर में नाहन सीट को छोड़कर बाकी सभी भाजपा से दूर होती नजर आ रही हैं। श्री रेणुका जी सीट मुख्यमंत्री के कथित दोस्त कहलाने वाले कांग्रेसी विनय कुमार के पास है। ऐसे में जनता की नजर में विनय कुमार मुख्यमंत्री के करीबी हैं और उनके काम बन जाते हैं।
मगर वही अब इस विधानसभा क्षेत्र की जनता और खास तौर से सिरमौर रेणुका डैम के निर्माण को अपने भावी भविष्य के साथ जोड़ रही है। यही नहीं डबल इंजन सरकार ने वादा किया था कि प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही रेणुका बांध निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। मगर अभी भी शिलान्यास की ही बात की जा रही है। निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है यह अभी तक प्रदेश की डबल इंजन सरकार दावा नहीं कर पाई है।
वही श्री रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की गुटबाजी व्यापक रूप से प्रखर है। बावजूद इसके अगर इनको डैम निर्माण कार्य समय रहते शुरू हो जाता है और विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर योजना बनाई जाती है तो निश्चित रूप से जिला सिरमौर में भाजपा फिर से मैदान मार सकती है। अब यदि बात की जाए क्षेत्र की जनता की तो मौजूदा समय डैम निर्माण से जुड़े कुछ संगठन मेले पर मुख्यमंत्री जयराम का इंतजार कर रहे हैं। जानकारी तो यह भी है कि यदि रेणुका डैम पर कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं दिया गया तो जयराम गो बैक के नारे भी लग सकते हैं।
वही, रेणुका जी कांग्रेस मंडल के अध्यक्ष तपेंद्र ठाकुर का कहना है कि वे मुख्यमंत्री का स्वागत करेंगे।मुख्यमंत्री पद गरिमा मय पद होता है। इसीलिए कांग्रेस गो बैक के समर्थन में नहीं है बल्कि गो बैक करने वालों का भी विरोध कर सकती है। तपेंद्र ठाकुर ने कहा कि वह बात अलग है कि मुख्यमंत्री केवल ठगने के लिए आ रहे हैं। 4 साल तक कुछ किया नहीं अब तो केवल हवाई घोड़े दौड़ा रहे हैं।