हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब 30 किलोमीटर से कम दूरी पर शिक्षकों के तबादले नहीं होंगे। एक स्कूल में दो साल सेवा देना भी अनिवार्य रहेगा। शिक्षा विभाग ने अप्रैल में किए जाने वाले स्कूल शिक्षकों के तबादलों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सिर्फ एक शिक्षक के सहारे चल रहे स्कूलों से तबादले नहीं होंगे। इन मामलों में विकल्प मिलने पर ही विचार होगा। शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में आपसी सहमति(म्युचुअल) के आधार पर तबादले के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
अन्य स्थानों में खाली पदों पर ये रहेगी व्यवस्था
अन्य स्थानों में खाली पदों पर तबादले के आवेदन व म्युचुअल आधार पर आया आवेदन स्वीकार होगा। सरकार ने यहां राहत देते हुए एक स्थान पर कार्यकाल को तीन साल से कम कर दो साल कर दिया है। तबादलों के लिए आवेदन में यह ध्यान रखना होगा कि स्कूल बिना शिक्षक के ना हो जाए। शिक्षा मंत्री ने ऐसे मामलों में निदेशालय को खुद अवलोकन करने को कहा है। निदेशालय से तबादलों के जो प्रस्ताव सचिवालय को भेजे जाएंगे, उसमें छात्र शिक्षक अनुपात बताना होगा।
रिलीवर की शर्त की पालना करनी होगी
तबादलों के प्रस्ताव के साथ संस्तुतियां भी संलग्न करनी होंगी। प्रदेश के हार्ड क्षेत्रों के लिए रिलीवर की शर्त की पालना सुनिश्चित करने को कहा है। तबादले के प्रस्ताव भेजते समय विद्यालयों के विलय व कम नामांकन के संदर्भ में प्राप्त अनुरोधों को फाइल में रखने को कहा है। जहां एकल शिक्षक विद्यालय में स्थानांतरण किए जाते हैं, वहां पहले नामांकन देखा जाए और मामला फाइल में रखा जाए।
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स्कूलों में 1 से 30 अप्रैल तक शिक्षकों के तबादले होंगे
स्कूलों में 1 से 30 अप्रैल तक शिक्षकों के तबादले होंगे। रोक हटाने से पहले शिक्षा विभाग ने जनजातीय क्षेत्रों में सेवाकाल पूरा कर चुके इच्छुक शिक्षकों से रिक्तियों वाले पांच स्कूलों के 15 मार्च तक विकल्प देने को कहा है। उच्च और प्रारंभिक निदेशकों के पास तबादले करवाने के लिए इन्हें आवेदन करना होगा। शिक्षा निदेशकों को 20 मार्च तक सरकार को स्थानांतरण प्रस्ताव भेजने होंगे।
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