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वन मंडल डलहौजी ने ‘कैच द यंग’ अभियान किया शुरू

PARUL | 12 मई 2024 at 2:48 pm

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अभियान के तहत 30 हजार विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति किया जा रहा जागरूक

HNN/चंबा

युवा पीढ़ी में वनों के महत्व के प्रति जागरूकता, वनों में आग न लगाने की मानवीय मानसिकता को बदलने और मौलिक कर्तव्य को समझने के लिए दीर्घकालिक प्रभावी उपाय हो सकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए डलहौजी वन मंडल ने विशेष कैच द यंग अभियान शुरू किया है, जिसके तहत वन मंडल डलहौजी के विभिन्न सरकारी, निजी स्कूलों और कॉलेजों के लगभग 30 हजार विद्यार्थियों को जंगल की आग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

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युवा पीढ़ी में वनों के महत्व के प्रति जागरूकता, वनों में आग न लगाने की मानवीय मानसिकता को बदलने और मौलिक कर्तव्य को समझने के लिए दीर्घकालिक प्रभावी उपाय हो सकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए डलहौजी वन मंडल ने विशेष कैच द यंग अभियान शुरू किया है, जिसके तहत वन मंडल डलहौजी के विभिन्न सरकारी, निजी स्कूलों और कॉलेजों के लगभग 30 हजार विद्यार्थियों को जंगल की आग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

वनों के प्रति अपनेपन की भावना पैदा करने के लिए सभी विद्यार्थियों के माध्यम से पॉलिथीन बैग्स में पौधे उगाए जा रहे है। वन्य प्रजातियों के पौधों को बीज से तैयार होने के लिए लगभग डेढ़ वर्ष का समय लगता है, पौधे तैयार करने के लिए पॉलीथीन बैग वन मंडल द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं और फिर विद्यार्थी उनमें अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी भरते हैं और उसके बाद विद्यार्थी वन अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराए गए बीजों को वन विभाग के मार्गदर्शन में उगा रहे हैं जो बीज अंकुरित नहीं होंगे उनके स्थान पर नये बीज उपलब्ध कराये जायेंगे।

उगाए गए पौधों को विद्यार्थी बाद में स्कूल परिसर के निकट चिन्हित भूमि में रोपेंगे, इससे बच्चों में विद्यार्थी जीवन में ही पेड़ पौधों के प्रति अपनेपन का भाव उत्पन्न होगा और मानव जनित वन अग्नि जैसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा। यह सारा कार्य श्रमदान के रूप में किया जा रहा है, इससे निश्चित रूप से अभियान के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

वन मंडल डलहौजी की इस पहल के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए डीएफओ डलहौजी रजनीश महाजन ने बताया कि हर वर्ष ग्रीष्म ऋतु में बड़े पैमाने पर वनों में लगने वाली आग बहुमूल्य वनस्पतियों और वन्य प्राणियों को निगल जाती है। अधिकांश जंगल की आग प्रकृति में मानवजनित होती है जो कि प्राकृतिक पुनर्जनन और वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंचाती है तथा इस से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता भी प्रभावित होती है।

रजनीश महाजन ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार वनों, झीलों, नदियों और वन्य जीवन सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना और जीवित प्राणियों के प्रति दया भाव रखना प्रत्येक नागरिक का मौलिक कर्तव्य है इसलिए हम सभी को अपने इस मौलिक कर्तव्य के लिए सदैव सजग व संवेदनशील रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पौधारोपण की दिशा में वन विभाग द्वारा युवा पीढ़ी के माध्यम से किए जा रहे प्रयासों के भविष्य में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम आने की अपेक्षा है।

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