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Exclusive Report By: Shailesh Saini

वैश्विक व्यापार,के साथ साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी मिलेगा बड़ा मंच

यूनिवर्सिटी और काॅलेजों में प्रोफेसर भर्ती योग्यता के बदलेंगे नियम, पात्रता परीक्षा में जोड़े जाएंगे नए मानक

Published ByPARUL Date Nov 11, 2024

यूजीसी जल्द ही कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों में भर्ती के नियम में बदलाव के लिए ड्राफ्ट लाने जा रहा है। इससे अब यूजी पीजी पीएचडी में अलग अलग विषय पढ़ने वाले अभ्यर्थी भी शिक्षक बन सकेंगे। इसके साथ ही ड्राफ्ट में शोध पर ज्यादा जोर देने की बात कही गई है जिससे आगे समाज एवं उद्योग के लिए जरूरी कौशल से तैयार ग्रेजुएट युवाओं को तैयार किया जा सके।

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी कि यूजीसी जल्द ही यूजीसी फैकल्टी भर्ती नियमन का ड्राफ्ट लाने की तैयारी कर रहा है। इस नियम के आने के बाद कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों में भर्ती के नियमों में बदलाव होगा। इस नियम के आने के बाद उद्यमिता स्टार्टअप जैसे नए क्षेत्रों और उद्योग भागीदारी को लेकर जुनून रखने वाले पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री धारकों को सीधे कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों में बतौर फैकल्टी नियुक्ति प्रदान की जा सकेगी। यूजीसी के चैयरमेन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यदि कोई अभ्यर्थी ग्रेजुएशन, पीजी एवं पीएचडी में अलग-अलग विषय पढ़ता है तो उन्हें भी शिक्षक के रूप में भर्ती किया जा सकेगा

क्या होगा बदलाव

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूजीसी विश्वविद्यालय/ कॉलेजों में शिक्षक व अन्य अकादमिक स्टाफ की नियुक्ति की न्यूनतम योग्यता और तय किये गए मानक बरकरार रखने के 2018 के नियमन में बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। पुराने नियम के अनुसार अभी तक चार वर्षीय ग्रेजुएशन/ पीजी के साथ पीएचडी होना भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता है। इसके साथ ही इस नियम के मुताबिक अभी तक ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन एवं पीएचडी एक ही विषय से होना अनिवार्य है। अब इसी में बदलाव किये जाने की तैयारी की जा रही है। पिछले 6 महीने में इस पर विस्तृत समीक्षा की गई है जिसके बाद ड्राफ्ट तैयार किया गया है।

यूजीसी नियमों से अनुसार अभी यूनिवर्सिटी और काॅलेजों में पढ़ने के लिए कैंडिडेट के पास एक ही सब्जेक्ट में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी की डिग्री होनी चाहिए। अलग-अलग विषयों से यूजी, पीजी और पीएचडी वाले कैंडिडेट काॅलेजों में पढ़ाने के लिए योग्य नहीं हैं। वहीं नए नियमों के अनुसार अलग- अलग विषयों से यूजी, पीजी और पीएचडी करने वाले कैंडिडेट को भी काॅलेजों में पढ़ाने के योग्य माना जाएगा और ऐसे सभी अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।

पात्रता परीक्षा में शामिल होंगे ये नए मानक

वहीं यूनिवर्सिटी और काॅलेजों में शिक्षक भर्ती के लिए होने वाले पात्रता परीक्षा में स्टार्टअप, आइडिया, पेटेंट और उद्यमिता जैसे मानकों को जोड़ा जाएग। विश्वविद्यालय अनुसान आयोग की ओर से नए नियमों का नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किया जा सकता है।

UGC NET परीक्षा में नया सब्जेक्ट शामिल

वहीं दिसंबर में होने वाले यूसीजी नेट परीक्षा में आयुर्वेद जीवविज्ञान नया सब्जेक्ट जोड़ा गया है।अब कुछ 84 विषयों के लिए नेट की परीक्षा होगी।अभी तक यूसीजी नेट परीक्षा में कुल 83 विषय थे।इस संबंध में UGC की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। दिसंबर सेशन के लिए यूसीजी नेट परीक्षा की अधिसूचना जल्द ही जारी की जा सकती है।

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