HNN/ कुल्लू
हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से बारिश नहीं हो रही है तथा गर्मी अपना कहर ढाए जा रही है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि पहाड़ों में भी गर्मी लोगों के पसीने छुड़ा रही है। बारिश न होने के कारण तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिससे किसान-बागवान भी खासे चिंतित है। किसानों द्वारा खेतों में लगाई गई फसलें सूखने के कगार पर आ गई है। इतना ही नहीं स्टोन फ्रूट को भी मौसम की बेरुखी से खासा नुक्सान पहुंच रहा है।
जिला कुल्लू की बात करें तो यहां बड़े पैमाने पर मटर का उत्पाद किया जाता है। यहां का मटर प्रदेश सहित देश के कोने-कोने में बिकता है। परंतु इस बार मौसम की बेरुखी इस कदर है कि मटर की फसल सूखे के कारण तबाह होने की कगार पर आ गई है। जिले में पिछले डेढ़ माह से बारिश न होने के चलते लगभग 60 फीसदी हरे मटर की फसल प्रभावित हुई है। जो बची कुची फसल बची है अगर समय पर बारिश नहीं होती है तो वह भी तबाह हो जाएगी।
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