Himachalnow/नाहन
मां-बेटे के मिलन का प्रतीक अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुकाजी मेले का सोमवार को विधिवत आगाज हो गया।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मेले का शुभारंभ कर प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय मेले की बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने ददाहू में गिरि नदी के तट पर देव पूजन करने के बाद भगवान परशुराम की पालकी को कंधा दिया और विधिवत शोभायात्रा का शुभारंभ किया। शोभायात्रा के साथ ही पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेले का शुभारंभ हो गया है।
शोभायात्रा दोपहर बाद ढाई बजे शोभायात्रा ददाहू बाजार, गिरि पुल, बड़ोन, देवशिला व मेला मैदान से होते हुए शाम ढलने से पूर्व रेणुकाजी तीर्थ पहुंची। इस मिलन को नजदीक से निहारने व इस पावन पलों के साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालुओं का हुजूम मेले में उमड़ पड़ा। शोभायात्रा लोक वाद्य यंत्रों, शंख, घंटियाल, ढोल-नगाड़ों, बैंड बाजे के साथ निकाली गई. इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश व जिलावासियों को मेले की शुभकामनाएं दी।
बता दें कि हर साल मुख्यमंत्री ही देव पालकी को कंधा देकर शोभायात्रा का शुभारंभ करते हैं। यही परंपरा कई दशकों से चली आ रही है।शोभायात्रा के दौरान पूरी रेणुका घाटी माता रेणुका जी और भगवान परशुराम के जयकारों से गूंज उठी। लोगों ने ढोल नगाड़े की धुनों पर माता रेणुका और भगवान परशुराम के जयकारे लगाए। इस दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्र लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे।
देर शाम भगवान परशुराम मंदिर परिसर में सिरमौर के लोक सांस्कृतिक दलों ने नाटी की प्रस्तुति भी दी।जहां सिरमौर की पारंपरिक संस्कृति की झलक देखने को मिली। देर शाम मुख्यमंत्री रेणु मंच परिसर में विभिन्न विभागों की ओर से लगाई प्रदर्शनियों का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद रेणु मंच पर पहली सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ भी करेंगे।