मंडी
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और पोषण की जिम्मेदारी उठाएगी सरकार
मुख्यमंत्री की सोच से बदल रहा है सामाजिक कल्याण का परिदृश्य
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की नेतृत्व में प्रदेश सरकार समाज के जरूरतमंद वर्गों की सहायता के लिए ठोस कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के बाद अब विधवा, तलाकशुदा, बेसहारा और दिव्यांग माता-पिता के बच्चों के लिए सुख शिक्षा योजना शुरू की गई है। यह योजना ऐसे बच्चों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, जो आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा और पोषण से वंचित रह जाते हैं।
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मंडी में 3705 बच्चों को मिलेगा लाभ
मंडी जिले में इस योजना के अंतर्गत अब तक 3705 पात्र बच्चों की पहचान कर ली गई है। इन्हें निकट भविष्य में योजना के सभी प्रावधानों के तहत लाभान्वित किया जाएगा। इन बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित व्यय के लिए हर माह 1000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी, जो वे 18 वर्ष की आयु तक प्राप्त करेंगे।
शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत कदम
योजना के तहत चयनित बच्चों को स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए ट्यूशन फीस और छात्रावास व्यय के लिए भी वित्तीय मदद दी जाएगी। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि इस योजना का प्रमुख उद्देश्य पारिवारिक स्तर पर बाल संरक्षण को मजबूत करना है, ताकि बाल शोषण, बाल विवाह, मानव तस्करी और नशे जैसे सामाजिक कुप्रथाओं को रोका जा सके।
मुख्यधारा से जोड़ने की एक सकारात्मक पहल
सरकार का मानना है कि वंचित और उपेक्षित बच्चों को उचित सहयोग देकर न केवल उनकी पढ़ाई और जीवन स्तर में सुधार किया जा सकता है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से भी जोड़ा जा सकता है। यह योजना प्रदेश के सामाजिक सरोकारों को मजबूती देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर हिमाचल की ओर एक निर्णायक कदम है।
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