बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद: अब अप्रैल में होगी सुनवाई, तीन हफ्तों में मांगा जवाब

2002 के गुजरात दंगों से संबंधित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर बैन के खिलाफ याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। केंद्र को इस मामले में तीन महीने में जवाब देना है, जिसको लेकर अब इस मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और एमएम सुंद्रेश की बेंच ने आज एन राम, महुआ मोइत्रा, प्रशांत भूषण और एमएल शर्मा की याचिकाओं पर सुनवाई की। इस दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील सीयू सिंह ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जहां सार्वजनिक डोमेन में आदेश दिए बिना आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल किया गया। ट्वीट ब्लॉक कर दिए गए हैं। इस पर वकील सीयू सिंह ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री से बैन हटना चाहिए।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह भी फैक्ट है कि लोग डॉक्यूमेंट्री को देख पा रहे हैं। बेंच ने इस मामले में केंद्र सरकार से तीन हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है। अप्रैल में मामले की अगली सुनवाई होगी।

21 जनवरी को केंद्र ने लगाया था बैन
बता दें कि 21 जनवरी को केंद्र सरकार ने विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” को देश में प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, कई शिक्षण संस्थानों में छात्र संगठनों ने डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन को लेकर हंगामा किया है, जिस पर विवाद की स्थिति भी पैदा हुई है।


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