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बिना शिक्षक के चल रहा डूंगा गांव स्कूल, बच्चों का भविष्य दाव पर

SAPNA THAKUR | 10 अक्तूबर 2022 at 1:05 pm

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HNN/ शिमला

बिन गुरू ज्ञान कैसे होय। यही दोहा राजकीय प्राथमिक पाठशाला डूंगा गांव पर चरितार्थ होता है जहां पर बीते कुछ महीनों से कोई भी स्थाई अध्यापक नहीं है। जिसके चलते स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले पहली से पांचवी कक्षा के 16 विद्यार्थियों का भविष्य दाव पर लग चुका है। स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान राजेश कुमार ने बताया कि स्कूल में केवल एक अध्यापक कार्यरत थे जिनकी पदोन्नति होने पर अब स्कूल में कोई भी स्थाई अध्यापक नहीं है।

केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला कोटी से डेपुटेशन पर तीन-तीन दिन के लिए शिक्षक की ड्यूटी लगाई जाती है जिस कारण बच्चों और अध्यापक में समन्वय नहीं बन पा रहा है। राजेश ने बताया कि इस बारे विभाग से काफी पत्राचार किया गया है परंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ कुलदीप तंवर ने स्कूल का दौरा करने के उपरांत बताया कि स्कूल भवन की हालत भी जर्जर हो चुकी है जिस कारण कभी भी बारिश में बड़ा हादसा पेश आ सकता है।

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शायद विभाग इसी दिन का इंतजार कर रहा है। बताया कि कसुंपटी विस के स्कूलों में शिक्षकों की बहुत कमी है। इस समस्या को लेकर बीते दिनों निदेशक प्रारंभिक शिक्षा से भेंट की थी जिनके द्वारा दो अध्यापक बलोग स्कूल में, एक नालटा, एक डुब्लु, दो धाली स्कूल में तैनात किए गए है। उन्होने बताया कि क्षेत्र के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पीरन व डुब्लु में विभिन्न श्रेणियों के दस-दस पद रिक्त पड़े हैं।

उधर, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी मशोबरा बसंती देवी ने बताया कि शिक्षकों की कमी बारे उच्चाधिकारियों को लिखित रूप में अवगत करवाया जा चुका है।

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