HNN/नाहन
गुरबत में गुजारी जिंदगी में योगेश के जब कोई काम नहीं आया तो बिजली से दोस्ती कर ली। आज ये युवक शहरभर में करंट नाम से पहचाना जाता है।हालांकि, करंट से करंट की दोस्ती के कई किस्से हैं, लेकिन बड़ी बात ये है कि घरों में इलेक्ट्रिशियन का काम करते वक्त वह बिजली बंद किए बगैर का सारे कार्य निपटा लेते हैं। दावा ये भी है कि वह थ्री फेस लाइन को भी नंगे हाथ से पकड़ सकते हैं।
इसके पीछे हकीकत ये है कि एक दिन परेशान होकर योगेश ने जब बिजली की लाइन को पकड़ा तो उसे करंट लगने का एहसास तक नहीं हुआ। बस यहीं से उनका जुनून दौड़ते करंट के लिए ऐसा जागा कि आज उसने करंट को भी मॉत दे दी है।
बतौर इलेक्ट्रिशियन योगेश अधिकतर कार्य दौड़ते करंट में करता है। काम में उसकी ऐसी निपुणता है कि शहर में वह सबसे कम दामों में बिजली के काम लेते हैं और लोग भी उनके बेहतरीन काम के मुरीद हो चुके हैं। बड़ी बात ये भी है कि गरीब लोगों के लिए वह अपनी सेवाएं निशुल्क अथवा कम से कम दाम में करते हैं।
जिला मुख्यालय नाहन के गुन्नूघाट के रहने वाले 38 वर्षीय योगेश को पूरा शहर उनके असल नाम से नहीं, बल्कि करंट के नाम से ही जानता है। मिलनसार और हंसमुख प्रवृति के योगेश की अभी शादी नहीं हुई है। उनका दूसरा भाई भी इलेक्ट्रिशियन है, जबकि बहन की शादी हो चुकी है।
योगेश ने बताया कि बतौर इलेक्ट्रिशियन वह बिजली फीटिंग से जुड़े तमाम कार्य करते हैं। इसके साथ-साथ कंट्रोल पैनल, इंटरकॉम, सीसीटीवी, एसी, फैंसी लाइटिंग, वाशिंग मशीन मरम्मत जैसे कार्यों में भी उन्हें महारथ हासिल है। उन्होंने बताया कि पिछले 22 साल से वह बिजली के कार्य करते आ रहे हैं।
औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में भी वह कार्य कर चुके हैं. इन दिनों वह शहर में लोगों के घरों में बिजली फीटिंग और अन्य कार्य कर रहे हैं. कई बार शहर से बाहर भी लोग उन्हें बिजली संबंधी कार्यों के लिए बुलाते हैं. उन्होंने कहा कि उनका असल नाम हर कोई नहीं जानता, उन्हें सिर्फ करंट के नाम से ही पहचान मिली है.
वह इसी कार्य से परिवार की रोजी-रोटी चला रहे हैं. 15 से 20 हजार रुपये वह महीने में कमा लेते हैं. उन्होंने दावा किया कि वह थ्री फेस लाइन को भी नंगे हाथ से पकड़ सकते हैं. बिजली से अब उनकी अच्छी खासी दोस्ती हो चुकी है.