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जिले में 6 माह से 10 साल के 56 फीसदी बच्चे एनीमिया के शिकार-एडीसी

Published ByPRIYANKA THAKUR Date Dec 14, 2022

HNN / काँगड़ा

जिला कांगड़ा में बच्चों को लगने वाले आवश्यक टीकों के लिए स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करे। यह बात उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त कांगड़ा गंधर्वा राठौड़ ने कही। उन्होंने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त समय पर टीकाकरण बहुत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि ठीक समय पर टीकाकरण न होने के कारण बच्चों की ग्रोथ पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग और बच्चों के अभिभावक सही समय पर बच्चों को लगने वाले सभी टीकों का विशेष ध्यान रखें। अतिरिक्त उपायुक्त गंधर्वा राठौर ने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों के लिए प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को हर प्रकार का सहयोग उपलब्ध करवाया जाएगा।

उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग तथा शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे सभी बच्चों को फ्रेक्शनल आईपीवी की तीसरी डोज और बच्चों का पूरा टीकाकरण अपने अपने स्तर पर सुनिश्चित करें।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दी टीकाकरण की जानकारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने बैठक में जिले में टीकाकरण से संबंधित आवश्यक जानकारियां साझा की। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में अभी तक 32 लाख 79 हजार 541 डोज कोरोना वैक्सीन की दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अब नियमित टीकाकरण में जनवरी महीने से 9 महीने के बच्चों को फ्रेक्शनल आईपीवी की तीसरी डोज भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह डोज 9वें महीने में एमआर वैक्सीन के साथ दी जाएगी।

एनीमिया मुक्त हिमाचल के लिए हो रहे गंभीर प्रयास
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि एनीमिया मुक्त हिमाचल अभियान में अब तक 6 महीने से 10 साल तक के 73 प्रतिशत बच्चों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जांच के बाद जिला में 44 प्रतिशत बच्चे सामान्य श्रेणी में तथा 56 प्रतिशत बच्चों में एनीमिया पाया गया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन बच्चों का इलाज सुनिश्चित किया गया है।

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