बंगाणा उपमंडल में 3 करोड़ से बनेंगे 48 पंचवटी पार्क

HNN/ ऊना वीरेंद्र बन्याल

जिला ऊना में अनेकों विकास कार्य प्रगति पर हैं जिनसे जिला की दशा और दिशा को नए आयाम हासिल होंगे। इन्हीें योजनाओं में से पंचवटी योजना भी एक महत्वपूर्ण योजना है जिससे आम लोगों को जहां प्राकृतिक परिवेश से पूर्ण सैरगाह मिलेगा तो वहीं पर्यटन के विकास को भी पंख लगेंगे। कुटलैहड़ विधानसभा की ग्राम पंचायत धुंदला में वर्तमान में दो पंचवटी वाटिकाएं निर्मित की जा रही हैं जिनमें से एक वाटिका का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण पर है। पंचवटी योजना का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों के लिए सैरगाह, बच्चों को मंनोरजन के लिए झूले एवं युवाओं के लिए ओपन जिम की सुविधा प्रदान करना है।

इसके अलावा पेड़-पौधों से युक्त इन पंचवटी वाटिकाओं के माध्यम से मानव का प्रकृति के साथ रिश्ता मजबूत करना भी एक अहम लक्ष्य है। पंचवटी वाटिकाओं का निर्माण मनरेगा के माध्यम से किया जा रहा है ताकि मनरेगा सूची में आने वाले मजदूरों को रोजगार भी उपलब्ध हो सके। इसके अलावा ग्रामीण पर्यटन के विकास में भी यह योजना कारगर सिद्ध होगी और इससे स्थानीय ग्रामीणों के लिए स्वरोजगार के अवसर भी पैदा होेंगे। धुंदला पंचायत प्रधान सुषमा कुमारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के सौदर्यीकरण के लिए यह योजना एक अनूठी पहल है।

उन्होंने बताया कि धुंदला पंचायत में बनाई जा रही दो पंचवटी वाटिकाओं को यहां के पुराने किलों के साथ भी जोड़ा जाएगा। वहीं उपप्रधान रमन शर्मा ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर का आभार व्यक्त करते हुए कहा इससे यहां आने वाले पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे और विरासत मेें मिली धरोहर से भी रूबरू होंगे। ग्रामीण विकास एवं पचायती राज, कृषि, मत्स्य व पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि बंगाणा उपमंडल के अंर्तगत लगभग 3 करोड़ रूपये की लागत से 48 पंचवटी वाटिकाएं विकसित की जाएंगी।

इनमें से 19 वाटिकाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है जिन्हें मार्च 2022 तक पूर्ण करके जनता को समर्पित करने का लक्ष्य रखा गया है। इन वाटिकाओं में विभिन्न प्रकार के औषधीय व सजावटी पौधे, पैदल पथ, मंनोजन के उपकरण, बैठक के लिए उचित व्यवस्था व अन्य बुनियादी सुविधाओं से इन वाटिकाओं को लैस किया जाएगा। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि पंचवटी वाटिकाओं के सौन्दर्यीकरण पर विशेष फोकस रहेगा ताकि अधिक सेे अधिक पर्यटक इनकी ओेर आकर्षित हो सकें और साथ ही स्थानीय ग्रामीणों को आजीविका कमाने के बेहतर अवसर मिल सकें।


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