HNN / धर्मशाला
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिये निरन्तर प्रयासरत है। प्रदेश में शिक्षण संस्थानों के मूलभूत ढांचे को विकसित करने पर बल दिया गया है। सरकार ने राज्य के ग्रामीण एवं दूरवर्ती क्षेत्रों में बच्चों को घर-द्वार पर बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। सरवीन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि पहले बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए लम्बा सफर तय करना पड़ता था लेकिन आज विद्यार्थियों को उनके घर-द्वार के समीप बुनियादी एवं उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में नये स्कूल व कॉलेज खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान दूरदराज के क्षेत्रों में नये कालेज खोले गये हैं और आज लड़कियां उच्च शिक्षा के मामले में अधिकांश संस्थानों में लड़कों को पीछे छोड़ रही हैं। उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वह जीवन में आगे बढने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें तथा उसे प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें।
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उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, इसलिए छात्रों को चाहिए कि वह शिक्षा के साथ-साथ हर प्रकार की स्कूली गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर भाग लें। उन्होंने अध्यापकों से बच्चों के सर्वांगीण विकास पर बल देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति देश की बहुमूल्य सम्पदा है और युवाओं की प्रतिभा, ऊर्जा एवं क्षमता का सदुपयोग कर एवं उनमें अनुशासन की भावना का विकास कर सुदृढ़ समाज, विकसित प्रदेश व सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव है।
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