पूर्व सरकार ने करुणामूलक परिवारों की मांग को किया दरकिनार, भुगतना पड़ा खामियाजा

HNN/ मंडी


जिला मंडी स्थित एनजीओ भवन भियुली में प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में करुणामूलक संग हिमाचल प्रदेश की जिला स्तरीय की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उन्होंने बताया कि करुणामूलक परिवारों के 3 हज़ार केस अभी तक पेंडिंग पड़े हुए है। उन्होंने बताया कि करुणामूलक संघ के द्वारा पूर्व में बहुत बड़ी हड़ताल के दौरान पूर्व सरकार ने कुछ करुणामूलक परिवारों को नौकरियां प्रदान की थी।

इस बैठक में उन्होंने बताया कि सरकार से सभी करुणामूलक परिवारों को एकमुश्त नौकरियों की मांग करते रहे परंतु सरकार ने 3 हजार करुणामूलक परिवारों को पीछे छोड़ दिया, जिसका खामियाजा पूर्व सरकार को विधानसभा चुनावों में भुगतान पड़ा। उन्होंने बताया कि एक बार फिर से करुणामूलक संघ एक्टिव हो चुका है।

वर्तमान में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने उन्हें बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है और आने वाले समय में सरकार को संघ द्वारा जिला मंडी में किया गया तीसरी बैठक का आयोजन। इस समय 3000 करुणामूलक परिवार क्लास-सी व क्लास-डी दोनों श्रेणियों में नौकरी का इंतज़ार कर रहे है और सभी आश्रितों को पूरी आस है कि सरकार समस्त करुणामूलक आश्रितों के दर्द को समझेगी व बजट में करुणामूलक आश्रितों को लेकर स्पेशल प्रावधान करेगी।

उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य मांगे आगामी कैबिनेट में पॉलिसी संशोधन किया जाए व निम्न बातें ध्यान में रखी जाए। 5 लाख आय सीमा निर्धारित की जाए, जिसमें एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को हटाया जाए। वित विभाग के द्वारा रिजेक्टेड केसों को कंसिडेर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए और रिजेक्टेड केसों को दोबारा कंसिडेर करने की नोटिफिकेशन जल्द जारी की जाए।

क्लास-सी व क्लास-डी में 5 प्रतिशत कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया जाए योग्यता के अनुसार क्लास-सी व क्लास-डी के सभी श्रेणियों के सभी पदों में नौकरियां दी जाए ताकि एक पद पर बोझ न पड़े। बजट सत्र में करुणामूलक आश्रितों के लिए अलग से स्पैशल बजट का प्रावधान किया जाए। समस्त करुणामूलक परिवारों को क्लास-सी व क्लास -डी में अप्रेल माह से नियुक्तियाँ दी जाए ।


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