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पीडीलाईट उद्योग की तीसरी मंजिल की छत से गिरा 30 वर्षीय कामगार, मौत

कैंटीन में बैठने की व्यवस्था न होने के कारण छत पर खा रहा था खाना

HNN / बद्दी

औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के तहत भटौलीकलां स्थित पीडीलाईट उद्योग की कैंटीन में बैठने की व्यवस्था न होने का खामियाजा 30 वर्षीय कामगार को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। उद्योग की तीसरी मंजिल की छत पर खाना खा रहे कामगार की गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने उद्योग प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। 

जानकारी के अनुसार कमलेश विश्वकर्मा (30) पुत्र घसीटा राम गांव मडियाद, जिला दमोह, मध्य प्रदेश तीन महीने पहले बद्दी आया था और भटौलीकलां स्थित पीडीलाईट उद्योग में कार्यरत था। वीरवार को कमलेश उद्योग की तीसरी मंजिल की छत पर खाना खा रहा था और अचानक छत से नीचे गिर गया। वहां उपस्थित कामगारों ने बताया कि कमलेश कैंटीन में खाना खाने गया था। जिसके बाद यह खाना लेकर तीसरी मंजिल के लैंटर पर चला गया। इसके बाद वहां खाना खा रहे सभी कामगार वापिस नीचे हाथ धोने आ गए और इन्होंने देखा कि ऊपर से कोई व्यक्ति नीचे गिरा।

जब इन्होंने नीचे जाकर देखा तो कमलेश गंभीर हालत में नीचे पड़ा था, जिसे निजी अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कामगारों ने बताया कि कंपनी प्रबंधन ने कामगारों को लैंटर पर जाने से रोकने के लिए कोई सुरक्षा कर्मी तैनात नहीं किया है, न ही लैंटर पर कोई चार दिवारी है और न ही कोई रेलिंग लगाई गई है, जिससे किसी का जीवन संकट में न पड़े। कामगारों का कहना है कि यह हादसा कंपनी प्रबंधन की लापरवाही के चलते पेश आया। 

उधर भारतीय मजदूर संघ के जिला महामंत्री राजू भारद्वाज ने बताया कि कैंटीन में कामगारों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है मात्र 2 ही टेबल कैंटीन में लगाए गए हैं। अगर कैंटीन में बैठने की व्यवस्था होती तो कामगार को अपनी जान से हाथ न धोना पड़ता। भारतीय मजदूर संघ ने मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग उठाई है।

  डीएसपी बद्दी नवदीप सिंह ने बताया कि पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए नालागढ़ अस्पताल भेजा है। प्रत्यदर्शियों के ब्यानों के आधार पर पुलिस ने उद्योग प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।