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पांवटा साहिब को छोड़कर जिला में भाजपा का सुस्त प्रचार पड़ सकता है भारी

PARUL | 12 मई 2024 at 4:41 pm

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कांग्रेसियों की प्रतिष्ठा दाव पर झोंक दी ताकत सारी

HNN/नाहन

शिमला पार्लियामेंट्री सीट को लेकर कैंडिडेट के खुद के जिला में भाजपा जनसंपर्क अभियान में पिछड़ती हुई नजर आ रही है। हालांकि जिला में सभी जगह पन्ना प्रमुख सहित तमाम मोर्चा के साथ जीत की रणनीति के बड़े सम्मेलन हो चुके हैं। बावजूद इसके जनसंपर्क सुस्त गति से चलता नजर आ रहा है। हैरानी तो इस बात की भी है कि जिन पदाधिकारी को जनसंपर्क की जिम्मेदारी सौंप गई थी वह भी फील्ड में नजर नहीं आ रहे हैं।

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लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि प्रदेश में भाजपा केंद्र से ज्यादा प्रदेश में मिशन लोटस को फोकस कर रही है। लोगों का कहना है कि यदि कांग्रेसी प्रत्याशी जीतता है तो विधायक की सीट खाली हो जाती है। यही नहीं अल्पमत में आने के बाद भाजपा उपचुनाव करवा कर प्रदेश की सत्ता हासिल करना चाह रही है। भाजपा के प्रत्याशी सुरेश कश्यप को लेकर कार्यकर्ता संसद के कार्यों को कम मोदी का गुणगान ज्यादा कर रहे हैं।

हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के बाद जो जोड़-तोड़ कर खेल भाजपा ने खेला है उसके बाद प्रदेश में मोदी लहर पर भी काफी प्रभाव पड़ा है। वहीं जानता यह भी कह रही है कि भाजपा प्रत्याशी के द्वारा अभी तक शिमला पार्लियामेंट्री सीट को लेकर विजन डॉक्यूमेंट नहीं रखा गया है। चर्चा तो इस बात की भी है कि भाजपा संगठन के द्वारा मंडी और हमीरपुर सीट के ऊपर ज्यादा फोकस रखा गया है।

प्रदेश में प्रत्याशियों के पास अब चुनाव प्रचार के लिए केवल 13 दिन का समय बचा है। बावजूद इसके भाजपा केवल कार्यकर्ता सम्मेलन तक ही सीमित नजर आती है। पूरे जिला में यदि भाजपा के प्रचार और प्रसार की बात की जाए तो पांवटा साहिब में पूर्व मंत्री व विधायक सुखराम चौधरी दलबल के साथ गांव शहर, कस्बा में कश्यप की जीत को लेकर ग्रास रूट पर डटा हुआ है।

जिला में पांवटा साहब को छोड़कर कहीं भी भाजपा प्रत्याशी के कार्यों का गुणगान नहीं किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस की प्रतिष्ठा विनोद सुल्तानपुरी की जीत को लेकर दाव पर लगी हुई है। शिलाई से हर्षवर्धन चौहान जो की सरकार में मंत्री भी हैं, श्री रेणुका जी से विनय कुमार जो विधायक भी है और विधानसभा उपाध्यक्ष भी हैं। रेणुका जी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व भाजपा प्रत्याशी बलवीर चौहान विनोद सुल्तानपुरी के ससुर है।

तो वहीं बलवीर चौहान के साथ भाजपा के कई कार्यकर्ता भी जुड़े हुए हैं। नाहन में विधायक अजय सोलंकी सुबह 6:00 बजे 7:00 बजे घर से निकल जाते हैं और रात को 10 से 11:00 बजे के आसपास वापस घर पर लौटते हैं। विधायक अजय सोलंकी अपने दल बल के साथ लगातार प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। उधर पच्छाद में भले ही विधायक रीना कश्यप उपचुनाव के बाद सीधे-सीधे विधानसभा चुनाव में भी विजेता रही हैं बावजूद इसके उनका चुनाव प्रचार कहीं भी सुर्खियां नहीं बटोर पा रहा है।

जिला में भाजपा मीडिया प्रभारी जिला के मीडिया कर्मियों के साथ बेहतर ताल मेल भी नहीं बिठा पा रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष रहे कई बार मंत्री रह चुके कांग्रेसी दिग्गज नेता जीआर मुसाफिर और कांग्रेस की प्रत्याशी रही दयाल प्यारी आपस में मिलजुल कर ताबड़तोड़ बैठकें कर रहे हैं। कांग्रेस के सामने खुद का कब साबित करना एक बड़ी चुनौती है।

तो वहीं मोदी नाम के दम पर भाजपा के कार्यकर्ता यानी संगठन से जुड़े नेता जीत को लेकर कुछ ओवर कॉन्फिडेंट बन गए हैं। ऐसे में यदि समय रहते भाजपा अपनी जनसंपर्क नीति में सांसद के कार्यों को सम्मिलित नहीं करते हैं अथवा नीति में बदलाव नहीं करते हैं तो निश्चित ही एंटी इनकंबेंसी के साथ भाजपा प्रत्याशी की जीत पर संगठन की सुस्ती का असर भारी कीमत अदा कर सकता है।

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