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पंचायत में सड़क न होने के बावजूद पढ़े-लिखे, अब बने इंजीनियरिंग इन चीफ, संगड़ाह के जोगिंद्र की मिसाल

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संगड़ाह

1500 लोगों से करवाया था श्रमदान, गांव तक सड़क पहुंचाने में निभाई थी अहम भूमिका


जोगिंद्र चौहान को मिली बड़ी उपलब्धि
सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह की लाना-चेता पंचायत के गांव रामपुर निवासी जोगिंद्र चौहान को जल शक्ति विभाग में इंजीनियर-इन-चीफ के पद पर पदोन्नति मिलने जा रही है। क्षेत्र के लोगों में इस उपलब्धि को लेकर काफी उत्साह है। बताया गया है कि सिर्फ डीपीसी की औपचारिकता शेष रह गई है। इस पद तक पहुंचने वाले वे रेणुकाजी और संगड़ाह क्षेत्र के पहले व्यक्ति होंगे।

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कठिन परिस्थितियों में पूरी की शिक्षा
जोगिंद्र ने अपनी पढ़ाई उस दौर में पूरी की जब उनके गांव तक सड़क की सुविधा नहीं थी। उन्हें लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलकर बस पकड़नी पड़ती थी। कठिन हालातों के बावजूद उन्होंने न केवल उच्च शिक्षा प्राप्त की, बल्कि प्रशासनिक सेवा में भी उल्लेखनीय स्थान बनाया।

सामूहिक प्रयास से बनाई सड़क
वर्ष 1995 में जोगिंद्र ने ज्ञान विज्ञान समिति संस्था की मदद से ग्रामीणों को श्रमदान के लिए प्रेरित किया। उनकी अगुवाई में लगभग 1500 लोगों ने मिलकर प्लाऊ गांव से लाना-चेता तक लगभग 3 किलोमीटर कच्ची सड़क बना डाली। इसके बाद जन दबाव के चलते सरकार ने बाकी सड़क निर्माण के लिए बजट भी स्वीकृत किया।

सामाजिक पहल के लिए भी सराहना
उनकी इस सामाजिक सोच और नेतृत्व क्षमता की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है। विधायक व विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार सहित भाजपा और कांग्रेस के कई नेताओं और आम लोगों ने उन्हें इस सफलता पर बधाई दी है।

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