HNN/शिमला
हिमाचल प्रदेश में पंचायत प्रतिनिधियों के त्यागपत्र को मंजूरी देने से पहले जांच होगी। सरकार ने नए नियम तय किए हैं, जिनके अनुसार पंचायत प्रधान, उप प्रधान, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों के पद से त्यागपत्र देने से पहले कारणों की जांच अनिवार्य होगी।
इस निर्णय का उद्देश्य फर्जी हस्ताक्षर, अनैतिक दबाव और मिलीभगत को रोकना है। पंचायतीराज विभाग के सचिव की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, पंचायत प्रतिनिधियों को अपना त्यागपत्र जिला पंचायत अधिकारी या खंड विकास अधिकारी को सौंपना होगा। जिला पंचायत अधिकारी त्यागपत्र के स्वैच्छिक और वैध होने की पुष्टि के लिए इसकी जांच करवाएंगे।
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इसके अलावा, जिला पंचायत अधिकारी की ओर से त्यागपत्र स्वीकार करने से पहले प्रतिनिधि अपना त्यागपत्र वापस भी ले सकता है। यह निर्णय पंचायत प्रतिनिधियों के त्यागपत्र को मंजूरी देने से पहले जांच की व्यवस्था लागू करने के लिए किया गया है, ताकि फर्जी हस्ताक्षर, अनैतिक दबाव और मिलीभगत को रोका जा सके।
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