HNN/ पांवटा
पांवटा साहिब में प्रेस वार्ता के माध्यम से शिलाई की नाया गांव निवासी महिलाओं ने शिलाई नेशनल हाइवे-707 पर निर्माण कार्य में लगी कंपनी पर मनमानी के गंभीर आरोप लगाए है। प्रेस वार्ता के माध्यम से सुमन और सुमित्रा ने बताया कि कंपनी द्वारा टिक्कर के खाले में डंपिंग प्वाइंट बनाया जा रहा है जिसे उन्होंने कई बार बंद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि डंपिंग किये जाने को लेकर न कोई हमें नोटिस आया और न हमसे इस बाबत पूछा गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस डंपिंग प्वाइंट को बंद करने के लिए एसडीएम और डीसी के पास वह कई बार चली गई है परंतु प्रशासन द्वारा इसपर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा डंपिंग किए जाने से उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी द्वारा की जा रही इस डंपिंग से न केवल उनका रास्ता बंद हो रहा है बल्कि उनकी 6 बीघा जमीन भी बंजर होने के कगार पर खड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि पीने के पानी का स्त्रोत भी यहां पर उपलब्ध है।
यहां से वह पीने और पशुओं के लिए पानी लाते है परन्तु डंपिंग किये जाने से पानी का स्त्रोत भी बंद हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि इस कार्य को तुरंत बंद किया जाए ताकि हमारी जमीन सेफ रह सके। बताया कि इस जमीन में उगी घास से ही हम पशुओं को चारा देते है। गाय का दुध बेच कर अपने परिवार का पालन पोषण करते है और बच्चो की पढ़ाई का खर्चा भी इसी के माध्यम से पूरे किए जाते है। उन्होंने कहा कि डंपिंग किए जाने से यह जमीन बंजर होती जा रही है।
बताया कि इस कार्य को बंद करने के लिए कई बार प्रशासन के पास गए पर उन्हें कोई न्याय नहीं मिल सका। उन्होंने कहा कि अगर इस कार्य को बंद नही किया गया तो वह सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के दिल्ली निवास के आगे आत्महत्या कर लेंगे। उन्होंने कहा कि हालाँकि उन्हें सरकार के द्वारा मुआवजा भी दिया जा रहा है परंतु उनके पास 6 बीघा जमीन है इसलिए उन्हें मुआवजा नहीं बल्कि इस कार्य को बंद किया जाना चाहिए।