2000 से अधिक लोगों ने नवाया शीश, राज परिवार ने निभाई परंपरा
HNN/ नाहन
नाहन शहर के रियासत कालीन प्रमुख शक्तिपीठ काली स्थान मंदिर में नवरात्रि के अंतिम दिन आस्था का जमकर सैलाब उमड़ा। इस प्रमुख शक्तिपीठ में सुबह 4:00 बजे से ही मां दुर्गा सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की गई। जिसके बाद राज परिवार के द्वारा खंड पूजन के साथ नवरात्र पूजन की परंपरा निभाई गई। जिसमें राज परिवार की ओर से कंवर अजय बहादुर और उनका परिवार सम्मिलित हुआ। 9 दिन चली इस विशेष पूजा अर्चना का सारा जिम्मा काली स्थान मंदिर प्रबंधक समिति के द्वारा किया गया।
इस बाबत जानकारी देते हुए मंदिर समिति महामंत्री देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि समिति की तरफ से कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत व्यवस्था की गई। उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने की व्यवस्था के साथ जलपान और खाने की व्यवस्था भी की गई है। वही काली स्थान मंदिर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सुमरनाथ ने बताया कि 9 दिन माता के अलग-अलग दिव्य स्वरूपों का नियमानुसार पूजन किया गया।
नवमी के दिन हवन पूजन आदि के बाद कन्या पूजन किया गया। मंदिर समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष योगेश गुप्ता का कहना है कि नवरात्रों के दौरान मंदिर में प्रसाद आदि पर पूर्ण प्रतिबंध था। यही नहीं सोशल डिस्टेंस के साथ सैनिटाइजर आदि की जगह-जगह व्यवस्था की गई थी। उन्होंने बताया कि काली स्थान मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। जहां पर शक्ति स्वरूपा साक्षात रूप से विद्यमान है।
उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर को नया बाजार समिति के द्वारा मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने समस्त शहर वासियों से अपील करते हुए कहा कि 18 अक्टूबर को मां का प्रसाद ग्रहण करने बढ़-चढ़कर आए।