नाहन में धूमधाम से मनाई गई ईद उल अजहा, ईदगाह मैदान में अदा हुई सामूहिक नमाज

अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष बॉबी अहमद ने मुबारकबाद के साथ अमन चैन की करी दुआ

HNN/ नाहन

देश प्रदेश सहित जिला सिरमौर के नाहन में भी ईद उल अजहा का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। ईद के इस पावन पर्व पर नाहन के ईदगाह और काली स्थान मस्जिद में सैकड़ों की तादात में मुस्लिम वर्ग के द्वारा नमाज अदा की गई। एक दूसरे को गले लगाते हुए मुबारकबाद भी दी गई।

बता दें कि इस्लाम में बकरीद या ईद उल अजहा का बहुत महत्व होता है। इस दिन यह पैगाम दिया जाता है कि जो अपने दिल की सबसे करीब वाली वस्तु होती है उसे दूसरों की बेहतरी के लिए अल्लाह की राह में कुर्बान किया जाता है। इसीलिए बकर ईद से पहले कुर्बानी के लिए लाए गए बकरे की खूब तवज्जो भी की जाती है।

जिसे ईद वाले दिन नमाज अदा करने के बाद कुर्बान कर दिया जाता है। बता दें कि ईद दो तरह की होती है जिनमें से एक रमजान के पवित्र माह में समाप्त होने के बाद ईद उल फितर मनाई जाती है। दूसरी ईद उल अजहा जिसे भारत में बकरीद कहा जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के आखरी महीने में धुल्ल हिज्ज की 10 तारीख को ईद उल अजहा होती है और बड़ी बात तो यह है कि इस महीने में सारी दुनिया से मुस्लिम हज करने के लिए मक्का भी जाते हैं।

बकरीद के दिन दी गई कुर्बानी के गोश्त को अपने रिश्तेदारों और गरीबों में बांटा भी जाता है। कुर्बानी के गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं जिनमें से एक हिस्सा खुद के लिए दूसरा पड़ोसियों और रिश्तेदारों के लिए और तीसरा हिस्सा गरीबों में बांटने के लिए किया जाता है। नाहन में यह पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।

इस ऐतिहासिक शहर में सभी धर्मों के लोग आपसी भाईचारे की हमेशा मिसाल रहे हैं। ईद उल अजहा के दिन भी अन्य धर्म के लोगों ने भी मुस्लिम वर्ग के लोगों को ईद की शुभकामनाएं दी। अंजुमन इस्लामिया के अध्यक्ष बॉबी अहमद ने कहा कि समाज में सबको समानता का अधिकार है लिहाजा मुस्लिम वर्ग में भी हर खुशी को सबके साथ मिलजुल कर मनाए जाने की परंपरा है।

उन्होंने कहा कि इसीलिए ही ईद उल अजहा के दिन कुर्बान किए गए बकरे के गोश्त का एक हिस्सा गरीब और जरूरतमंदों को भी बांटा जाता है। बॉबी अहमद का कहना है कि अल्लाह की नजर में सभी एक समान है और सबको अच्छा खाने का अधिकार है। अहमद ने सबसे अच्छी बात यह कही कि अब वह समय भी है कि हमें समाज में फैल रही हर बुराई से भी दूर रहना है। आपस का प्यार अमन चैन और भाईचारा बना रहे इसके लिए भी दुआ की जाती है।


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