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Exclusive Report By: Shailesh Saini

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देश के 13 राज्यों में फैले ठग नेटवर्क का भंडाफोड़, बद्दी-नालागढ़ से हो रहा था करोड़ों का साइबर फ्रॉड संचालन

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बीबीएन

शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट में मुनाफे का झांसा देकर करोड़ों की ठगी, बद्दी पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों को दबोचा

ठगी का नेटवर्क कैसे चलता था
देशभर के लोगों को शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टोकरेंसी में अधिक रिटर्न का लालच देकर ठगने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश बद्दी पुलिस ने किया है। इस नेटवर्क के तीन मुख्य सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो बद्दी-नालागढ़ क्षेत्र से पूरा रैकेट चला रहे थे। भारत सरकार की साइबर हेल्पलाइन पर देश के 13 राज्यों से प्राप्त शिकायतों के बाद इस नेटवर्क की जांच शुरू की गई थी।

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साइबर फ्रॉड का खुलासा और बैंक खाते फ्रीज
जांच में सामने आया कि गिरोह ने स्थानीय बैंकों में 23 खाते खुलवाए थे, जिनमें कुल 6 करोड़ 67 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ। इन सभी खातों को पुलिस ने फ्रीज कर दिया है। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया। ठगी के लिए आरोपी लोगों को पहले एक ऐप या लिंक भेजते थे और फिर निवेश के नाम पर बड़ी रकम ऐंठ लेते थे।

गिरफ्तार आरोपी और उनका बैंक नेटवर्क
गिरफ्तार आरोपियों में अमृत पाल पुत्र ब्यास देव, जसप्रीत सिंह पुत्र सुरजीत सिंह (दोनों गांव रत्योड़ नालागढ़) और फिरोज खान पुत्र भाग मोहम्मद (नवाग्राम झज्जरा नालागढ़) शामिल हैं। अमृत पाल के नौ खातों से 40 लाख, जसप्रीत सिंह के चार खातों से 28 लाख और फिरोज खान के आठ खातों से चार करोड़ रुपये का लेनदेन पाया गया।

घोटाले से जुड़े अन्य मामले भी जांच में
एसपी बद्दी विनोद धीमान ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की भी पहचान की जा रही है। साथ ही बिलासपुर से जुड़ा 1.5 करोड़ रुपये का लेनदेन भी शक के घेरे में है। फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी और अन्य बैंक ट्रांजेक्शन की भी जांच चल रही है।

साइबर नेटवर्क का दायरा और डिजिटल सबूत
पुलिस ने 23 बैंक खातों के साथ-साथ पांच मोबाइल नंबर और तीन मोबाइल उपकरणों के आईएमईआई नंबर भी ब्लॉक कर दिए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि यह गिरोह अन्य राज्यों के साइबर ठगों से भी जुड़ा हुआ है। पीड़ितों को क्रिप्टोकरंसी यूएसडी, फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और झूठी रिटर्न स्कीम्स के जरिए फंसाया गया।

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