देव भूमि हिमाचल को खेल भूमि हिमाचल बनाना प्रदेश सरकार का मुख्य ध्येय – वीरेंद्र कंवर

HNN / ऊना, वीरेंद्र बन्याल

हिमाचल प्रदेश खेल विभाग के तत्वावधान में हिमाचल प्रदेश स्वर्णित जयंती खेल पाॅलिसी-2021 की रुपरेखा तैयार करने को लेकर डीआरडीए सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष और प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, मत्स्य व पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने की। इस अवसर पर खेल मंत्री राकेश पठानिया विशेष रुप से उपस्थित रहे। बैठक में विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर कृषि मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को आगे लाने और उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश स्वर्णिम जयंती खेल पाॅलिसी-2021 की रुपरेखा तैयार की जा रही है।

इसको अंतिम रुप देने के लिए विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करके उनके सुझाव व अन्य आवश्यकताओं पर मंथन किया जा रहा है। इसी के तहत ऊना में विभिन्न खेल संघों के साथ बैठक करके विचारों का आदान-प्रदान किया गया है। हिमाचल प्रदेश देवभूमि के साथ-साथ खेल भूमि भी बने, इस दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होेंने कहा कि प्रदेश सरकार का ध्येय है कि विभिन्न खेल गतिविधियों और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओ में हिमाचल प्रदेश की खिलाड़ियों की सहभागिता को और अधिक बढ़ावा मिले।

इसके लिए जरुरी है कि खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए सभी आधारभूूत सुविधाओं को मजबूत किया जाए ताकि आधुनिक तकनीक और परिवेश का लाभ लेकर खिलाड़ी उच्च स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए स्वयं को क्षमतावान बना सकें और विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल होकर हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन कर सकें। इस अवसर पर खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जिला में खेल से संबंधित आधारभूत संरचनाओं और अन्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।

करोड़ों रुपये व्यय करके खेल स्टेडियम बनाए जा रहे हैं ताकि उनका लाभ लेकर खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में हिमाचल प्रदेश नेतृत्व करने में सक्षम बनें। खेल संघों द्वारा क्लास वन एवं टू श्रेणी के पदों की भर्ती के लिए भी स्पोट्स कोटे में आरक्षण दिए जाने की मांग पर खेल मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि खेल संघों द्वारा प्रस्तुत किए गए हर प्रकार के सुझावों पर गहनता के साथ विचार करने के उपरांत उन्हें खेल पाॅलिसी में शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि खेल प्रशिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाएगा और जिलास्तर पर खेल अकादमियां स्थापित की जाएंगी।


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