हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक दिवाली को लेकर इस साल बड़ा असमंजस होगा । कुछ लोग 31 अक्टूबर को दिवाली मना रहे हैं, जबकि कुछ 1 नवंबर को। लेकिन ज्योतिष शास्त्र और धर्म शास्त्रों के अनुसार, दिवाली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।
कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाने वाला यह त्योहार भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आए थे। इस खुशी में अयोध्या वासियों ने पूरी नगरी को दीपों से सजाया था, जिससे यह परंपरा चली आ रही है।
दिवाली पूजन विधि में पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें और लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं। गणेश जी की मूर्ति रखें और उनके दाहिनी ओर लक्ष्मी जी को रखें। आसन पर बैठकर अपने चारों ओर जल छिड़क लें और संकल्प लेकर पूजा आरंभ करें। एक मुखी घी का दीपक जलाएं और मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाई अर्पित करें।
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दिवाली के दिन लाल, पीली या चमकदार रंग के वस्त्र धारण करें और काले, भूरे या नीले रंग से परहेज रखें। घर में दीपक जलाने से पहले थाल में पांच दीपक रखकर फूल आदि अर्पित करें और घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखना शुरू करें। घर के अलावा कुएं के पास और मंदिर में दीपक जलाएं।
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