निजी मिल्कियत में आग लगाकर हरे पेड़ों को जलाकर किया खाक
HNN / श्री रेणुका जी
श्री रेणुका जी ददाहू नाहन मार्ग पर खदाल के समीप करीब 20 बीघा जमीन पर आग लगाकर पेड़ों को नुक्सान पहुंचाया गया है। हालांकि यह निजी मिल्कियत है बावजूद इसके जमीन में लगे हरे पेड़ों को बिना परमिशन जड़ से काट दिया गया है। हैरानी तो इस बात की भी है कि मात्र कुछ किलोमीटर की दूरी पर तहसील व डीएफओ कार्यालय भी है, बावजूद इसके भू मालिक के द्वारा बेखौफ होकर जमीन में लगे पेड़ों को उड़ा दिया गया है। यही नहीं हरे-भरे पेड़ों को काटकर उनको मुख्य सड़क के साथ जमीन में गाड़ कर बाढ़ भी तैयार की गई है।
सवाल तो यह भी उठता है कि सड़क के साथ जमीन लोक निर्माण विभाग की है जिसमें तार बाड़ नहीं लगाई जा सकती। जानकारी तो यह भी है कि भू-मालिक चंडीगढ़ में रहते हैं और जमीन पर 118 की वायलेशन का मामला भी चला था। हालांकि संबंधित क्षेत्र के पटवारी से बात करने पर पता चला कि भू मालिक के द्वारा संबंधित केस कोर्ट से जीता गया है। इस पर पटवारी ने यह भी कहा कि कोर्ट से उसके फेवर में हुए डिसीजन की कॉपी मांगने पर उन्हें उपलब्ध नहीं करवाई गई है। सवाल तो यह भी उठता है कि इतने बड़े भू-भाग पर आग नहीं लगाई जा सकती है। बावजूद इसके झाड़ियों को जलाने की आड़ में जमीन में लगे हरे-भरे पेड़ों को भी जलाकर खाक कर दिया गया है।
कई ऐसे भी पेड़ हैं जिनको कुल्हाड़ी से काटकर तार बाड़ में लगाया गया है। इस बाबत जमीन के कथित मालिक ओमी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह चंडीगढ़ में बैठे हैं। जमीन में आग और पेड़ों के काटने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि पेड़ों को काटने और जमीन में आग लगाए जाने को लेकर वह पुलिस में मामला भी दर्ज करेंगे। सवाल तो यह भी उठता है कि जमीन पर प्लांट डिवेलप करने को लेकर कई दिनों से कार्य चल रहा है। जबकि जमीन मालिक के परिवार से संबंधी लोग ददाहू में रहते हैं। सवाल यह भी उठता है कि क्या इतने दिन से जमीन में लगाए गए मजदूर बगैर मालिक की अनुमति के कार्य कर रहे थे।
जाहिर है जमीन मालिक खुद को बचाने के लिए यह बयान दे रहा है। वही सवाल वन विभाग पर भी उठता है कि बिना परमिशन के यह फारेस्ट को जानकारी दिए बगैर निजी मिल्कियत के हरे पेड़ कैसे काट दिए गए। अब दूसरा सवाल यह भी उठता है कि क्या मालिक के पास जहां लोक निर्माण विभाग पैराफिट लगाता है वहां पर निजी बाड़ लगाने की परमिशन दी गई थी या नहीं। वही डीएफओ श्री रेणुका जी उर्वशी का कहना है कि अगर हरे पेड़ काटे गए हैं तो जांच की जाएगी।
उधर पटवारी संबंधित हल्का विकास का कहना है कि उनके द्वारा 118 की वायलेशन सेटलमेंट को लेकर कोर्ट के आदेश मांगे गए मगर मालिक के द्वारा मौके पर उन्हें उपलब्ध नहीं करवाया गया। उन्होंने कहा कि जमीन से पेड़ काटने की अनुमति का आवेदन उन्हें नहीं दिया गया था।
वहीं एसडीओ लोक निर्माण विभाग दिलीप का कहना है कि कंट्रोल विडथ में तार बाड़ नहीं लगाई जा सकती है। अगर लोक निर्माण विभाग की जमीन पर तार बाड़ की गई है तो विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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