डिनर डिप्लोमेसी के बाद नाहन भाजपा में घमासान के आसार

ByPRIYANKA THAKUR

Sep 27, 2021

2022 में भाजपा चेहरा बदलने को लेकर हाई कमान से मिलने की तैयारी

HNN / नाहन

एक और जहां नाहन के विधायक राजीव बिंदल लगातार विकास के साथ जनसंपर्क अभियान बनाए हुए हैं। तो वही भाजपा की एक बड़ी लाबी 2022 में चेहरा बदलने को लेकर लामबंद हो चुकी है। पुष्ट सूत्रों के अनुसार बीते 20 सितंबर सोमवार को एक बड़े रिजॉर्ट में डिनर डिप्लोमेसी का बड़े ही गोपनीय तरीके से आयोजन हुआ। इस गोपनीय बैठक में भाजपा के वे चेहरे मौजूद थे जिनके कारण नाहन में भाजपा वजूद में आई थी। यही नहीं यह वही चेहरे थे जिनकी वजह से डॉक्टर बिंदल को नाहन विधानसभा क्षेत्र में पहचान मिली थी। जिनमें 1980 के दशक से जुड़े भाजपा नेता जोकि दो बार मंडल अध्यक्ष और एक बार जिला महामंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा मौजूदा भाजपा जिला सचिव तथा 2012 से 2021 तक महामंत्री रह चुके नेता।

शहर के नजदीकी पंचायत से प्रधान रहे भाजपा नेता। 2008 से 2012 तक मंडल अध्यक्ष रहे एक नेता। वार्ड नंबर 7 से 2 बार भाजपा नगर परिषद के लिए कैंडिडेट रहे भाजपा के कर्मठ नेता। इनके अलावा प्रदेश एससी मोर्चा के महामंत्री नाहन मंडल के महामंत्री तथा भाजपा समर्थित जिला परिषद के मेंबर रहे एक नेता भी बैठक में शामिल थे। और एक चेहरा ऐसा भी था जिसने अपना सब कुछ भाजपा के लिए दांव पर लगाया था जो भाजपा में मंडल सचिव भी रहे हैं। सूत्रों की माने तो इस डिनर डिप्लोमेसी में प्रदेश में भाजपा की सरकार के रहते हुए जमकर उपेक्षा का मुद्दा छाया रहा।

यही नहीं यह भी आरोप लगे की जिनके परिवार के सदस्य आज भी कांग्रेसी विचारधारा के हैं उन्हें बड़े पदों पर बिठा दिया गया है। अब आपको यह भी बता दें कि जिला सिरमौर के खासतौर से नाहन विधानसभा क्षेत्र में राजपूत लाबी कांग्रेस डोमिनेटेड रही है। ऐसे में मंडल पर काबिल पद को लेकर भी सवालिया निशान खड़े किए गए। अब आपको यहां यह भी बताना जरूरी है कि यह बिल्कुल ऐसी ही रणनीति तैयार हो रही है जैसी पच्छाद के बाय इलेक्शन में हालात पैदा हुए थे। पच्छाद ओके बाय इलेक्शन में जहां पूरी सरकार तैनात थी वह इसी लॉबी ने ही पार्टी तथा सरकार को अनदेखी का एहसास भी करवा दिया था। बड़ी बात तो यह भी है कि यह लॉबी कट्टर भाजपा विचारधारा वाली है।

जहां एक ब्राह्मण नेता के कहने पर भाजपा से बगावत करने वाली नेत्री से अलग होकर सरकार की नाक बचाई थी। जबकि यह पूरी लॉबी आजाद मैदान में उतरी बगावती भाजपा नेत्री के समर्थन में खड़ी हो चुकी थी। मगर आपको यहां यह भी बताना जरूरी है कि यह भाजपा नेत्री जो अब कांग्रेस में शामिल हो चुकी है कहीं ना कहीं बड़ी उपेक्षा का शिकार रही है। क्योंकि मौजूदा हालात पच्छाद में भाजपा के फेवर में अभी भी जाते नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष भी इसी विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखते हैं। उनके प्रति अभी भी लोगों की निष्ठा है। मगर उपेक्षित भाजपाई कहीं ना कहीं मौके की इंतजार में है। कहा जा सकता है कि आने वाले कुछ ही दिनों में एक बड़ा विस्फोट होने की तैयारी भी हो रही है।

हालांकि यह बड़ा चेतावनी विस्फोट होगा जिसमें कांग्रेस को उत्साहित होने की कहीं गुंजाइश नहीं है। कोली समुदाय पहले से ही भाजपा की झोली में है। मगर ब्राह्मण वर्ग कहीं ना कहीं अपना वजूद तलाशने के लिए डटा हुआ है। कांग्रेस डोमिनेटेड राजपूत वर्ग पर 2022 में ब्राह्मण वर्ग भारी भी पड़ सकता है। ऐसे में कहा जा सकता है 2022 के लिए कुछ चेहरों पर संकट नजर आता है। डिनर डिप्लोमेसी में उपेक्षा नजरअंदाजी का मुद्दा छाया रहा और इसका परिणाम जिला परिषद के पंचायती राज चुनाव के दौरान देखा भी जा चुका है।

हालांकि नाहन नगर परिषद में भी कहीं ना कहीं 2022 के लिए कूटनीति तैयार हो रही है। मगर इसके पुष्ट संकेत फिलहाल नहीं मिले हैं। बरहाल जनता के बीच मौजूदा विधायक का चेहरा अभी भी अपनी लोकप्रियता में बरकरार है। मगर बीच में खींच रही बड़ी दरार सही संकेत देती नजर नहीं आती है।


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