HNN / धर्मशाला
उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि जिला कांगड़ा को क्षय रोग मुक्त जिला बनाने के लिए कारगर कदम उठाने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियोें को दिए गए हैं इस दिशा में टीबी की जांच तथा उपचार के लिए भी कारगर कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। जोनल अस्पताल के सभागार में आयोजित जिला क्षय रोग निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त डा निपुण जिंदल ने कहा कि जिला कांगड़ा में सब नेशनल टीबी सर्टिफिकेशन अभियान 21 फरवरी से आरंभ होगा इसमें वर्ष 2015 के बाद टीबी के रोगियों में कितनी कमी बारे डाटा एकत्रित किया जाएगा।
भारत सरकार द्वारा यह सर्वे जिला कांगड़ा के अंदर किया जा रहा है। यह सर्वे जिला कांगड़ा मे भारत सरकार द्वारा कुछ चयनित गांवों व शहरों में होगा। इस सर्वे के लिए जिला में 15 टीमों का गठन किया गया है। इन द्वारा अपने क्षेत्र में घर घर जाकर संभावित टीबी के लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान की जाएगी तथा उनका बलगम जांच के लिए लैब में भेजेगी।
उपायुक्त ने आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि बलगम जांच के लिए भेजे गए मरीजों का ब्यौरा सप्ताहिक तौर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ सांझा करें ताकि जो लोग टेस्ट करवाने नहीं पहुंचे उन्हें आशा वर्कर्स के माध्यम से टेस्ट करवाने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस अवसर पर कांगड़ा के सीएमओ डॉ गुरदर्शन गुप्ता ने कहा कि सालाना 1 करोड़ नए टीबी मामलों में से 26 प्रतिशत भारत में हैं।
कांगड़ा ने 2021 में 2878 टीबी मामलों को अधिसूचित किया। उन्होंने कहा कि टीबी के रोगियों को सरकार द्वारा 1500 रुपए प्रतिमाह व पोषण के लिए न्यूट्री मिक्स दी जा रही है।