HNN/ राजगढ़
सनौरा-नेरीपुल मार्ग पर जघेड़ में कार्यरत अंग्रेजी व देशी शराब ठेका को शिफ्ट करवाने के लिए ग्रामीण लामबंद हो गए है। महिला मंडल एवं युवक मंडल जघेड़ ने सरकार से शराब के ठेका को गांव से बाहर ले जाने की मांग कर रहे है। स्थानीय युवाओं का कहना है कि बीते करीब 15 वर्षों से जघेड़ में अंग्रेजी व देशी शराब का ठेका चल रहा है।
जिससे स्थानीय लोगों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ रही है। इनका कहना है कि इस क्षेत्र के अतिरिक्त सीमा पर लगते शिमला जिला के लोग गाड़ियों में आकर शराब खरीदने के लिए जघेड़ पहुँचते हैं। कई बार शराब पीकर कुछ व्यक्ति दिन में ही हुड़दंग मचाते हैं। महिलाओं से अभ्रद भाषा का प्रयोग करते हैं और दुकानदारों से झगड़ा करते हैं।
शराबियों के हुड़दंग के भय से स्थानीय कारोबारी सांय ढलते ही अपनी दुकानें बंद कर देते हैं। बता दें कि जघेड़ गांव मुख्य मार्ग पर स्थित है और गांव की शत प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति वर्ग की है। लोग मेहनत मजदूरी अथवा छोटी-छोटी दुकाने व ढाबा चलाकर रोजी-रोटी कमाते हैं। जिनकी आबादी करीब एक सौ से अधिक है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि शराब के ठेके से गांव की दूरी केवल 20 मीटर और स्कूल की दूरी करीब 15 मीटर है। गांव में शराब का ठेका खुलने से विशेषकर युवा वर्ग नशेड़ी बनता जा रहा है जिससे युवाओं का भविष्य अंधकारमंय हो गया है।
युवक मंडल के प्रधान विनोद और महिला मंडल की प्रधान ख्यालो देवी ने बताया कि इस बारे ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल स्थानीय विधायक रीना कश्यप और जिलाधीश सिरमौर से मिलेगा और शराब के ठेके को जघेड़ से उठाकर किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट करने बारे आग्रह किया जाएगा ताकि इस गांव के लोग आराम से जीवन यापन कर सके। युवक व महिला मंडल का कहना है कि यदि उनके आग्रह पर शराब का ठेका जघेड़ से नहीं उठाया गया तो गांव के लोग आन्दोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।