तालों बीट के 62.40 हेक्टेयर जंगल से इकट्ठा की सूखी पत्तियां
HNN / नाहन
फायर सीजन के शुरू होते ही वन मंडल नाहन जंगलों को आग से बचाने के लिए जुट चुका है। इसी कवायद के तहत तालों जंगलात बीट से सूखे घास और पत्तों को हटाने का कार्य शुरू हो चुका है। रेंज ऑफिसर राजेंद्र सिंह तथा फॉरेस्ट गार्ड नायब सिंह सहित वन कर्मचारियों की टीम विशेष उपकरणों के साथ सूखे पत्तों को इकट्ठा कर रही है। रेंज ऑफिसर राजेंद्र सिंह ने बताया कि सड़क के किनारे सूखे पत्तों को इकट्ठा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह सूखे पत्ते जंगल में फायर फ्यूल का कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी टीम के द्वारा सूखी घास और पत्तों को इकट्ठा कर जलाया जा रहा है।
गौरतलब हो कि करीब 2 दिन पूर्व वन विभाग की टीम के द्वारा जंगल के किनारे बीड़ी पीने वाले एक व्यक्ति का चालान भी किया गया था। वन विभाग के द्वारा जंगल के किनारे बीड़ी पीने वाले व्यक्ति से 500 रूपये जुर्माना भी वसूला गया। वन अधिकारी का कहना है कि यदि कोई जंगलों में आग लगाते हुए पाया जाता है तो उसे 3 साल की जेल भी हो सकती है। तो वही फॉरेस्ट गार्ड नायब सिंह का कहना है कि जंगलों को अधिकतर आग सड़कों के किनारे पड़ी सूखी पत्तियों से लगती है।
उन्होंने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि आजकल गर्मियों के सीजन में बीड़ी अथवा सिगरेट अच्छी तरह से बुझा कर ही डालें। उन्होंने वाहन चालकों से भी अपील करते हुए कहा कि चलती गाड़ी से बीड़ी अथवा सिगरेट को सड़कों पर मत फेंके इससे आग लगने का खतरा अधिक बढ़ता है।
रेंज ऑफिसर राजेंद्र सिंह का कहना है कि जंगल जीवन देता है और जंगल में जीवन भी संरक्षित रहता है। उन्होंने बताया कि जंगलों और जंगली जीवो को जीवन देने के लिए हर व्यक्ति को अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने बताया कि आग लगने से ना केवल प्रदूषण बढ़ता है बल्कि लाखों जीव-जंतु भी बेवजह मारे जाते हैं।